Republic Day 2020 : सैफई में यशवंत सिन्हा ने अखिलेश संग फहराया 158 ऊंचा तिरंगा, बोले-पुराना सामाजवादी हूं
समारोह में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी दी तिरंगे को सलामी।
इटावा, जेएनएन। मुंबई से गांधी शांति यात्रा लेकर निकले पूर्व वित्त मंत्री रविवार को सैफई पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ 158 ऊंचा तिरंगा फहराया। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पुराना समाजवादी रहा हूं, जहां भी रहा समाजवादी ही रहा हूं और आगे भी समाजवादी ही बना रहूंगा। इस दौरान बड़ी संख्या में देश प्रेमी समाजवादी मौजूद रहे।
सैफई में आयोजित कार्यक्रम में पूर्वाह्न समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व वित्त मंत्री यशवन्त सिन्हा, राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव, सपा प्रवक्ता राजेंद्र प्रसाद चौधरी पहुंचे। यहां पर गणतंत्र दिवस पर उन्होंने 158 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर अपने संबोधन में देश भक्ति का जज़्बा जगाया। मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप यादव, बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव तथा गांधी शांति यात्रा में शामिल 80 लोग शामिल हुए। अखिलेश यादव समेत सभी लोगों ने यात्रा का स्वागत किया। राजधानी लखनऊ से समाजवादी रथ भी लाया गया, जिसपर खड़े होकर के यशवंत सिन्हा ने लोगों को संबोधित किया। सपा प्रमुख महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने बताया कि यशवंत सिन्हा ने साथियों के साथ देश मे शांति स्थापित करने के लिए मुंबई से यात्रा शुरू की है, जो 30 जनवरी को दिल्ली में गांधीजी की समाधि पर समाप्त होगी।
पुराना समाजवादी हूं मैं
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सैफई के बाद यात्रा लेकर लखनऊ पहुंचेंगे। तीन दिन उत्तर प्रदेश में रहने के बाद 30 जनवरी को दिल्ली राजघाट पहुंचेंगे। मैं पुराना समाजवादी रहा हूं, संक्षेप में बताना चाहता हूं कि गांधी शांति यात्रा निकालने की जरूरत क्यों महसूस हुई। कहा, आज जिस गणतंत्र और संविधान को 26 जनवरी 1950 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के साथियों ने देश को दिया वो संविधान खतरे में है। हमारा गणतंत्र खतरे में है, इसलिए गांधी शांति यात्रा की जरूरत आ पड़ी। पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हो रही है।
अखिलेश ने सरकार पर साधा निशाना
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आकलन करना चाहिए कि हमारे किसान कितने खुशहाल हैं और क्या हम उस रास्ते पर है जहां नौजवानों को रोजगार मिला। हमारे भारत के लोगों में नफरत की खाई पैदा हो रही है, उसको कैसे दूर किया जाए। सरकार द्वारा पदमश्री से सम्मानित किए जाने पर विरोध पर अखिलेश ने कहा कलाकार कहीं का भी हो कला का सम्मान होता है। कला का सम्मान हम लोगों ने किया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सम्मान छीन लिया। लोकतंत्र अपनी बात सभी को कहने का अधिकार है, अगर हम किसी बात से असमत है तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सुनवाई होनी चाहिए।