फैज की नज्म गाने के मामले में जांच समिति ने आइआइटी निदेशक से मांगा और समय Kanpur News
छह सदस्यीय जांच समिति ने 25 दिन पहले प्रकरण की जांच शुरू की थी।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी में शांति मार्च के दौरान शायर फैज अहमद फैज की नज्म गाने व भड़काऊ भाषण देने के मामले की जांच पूरी होने में अभी और समय लगेगा। मामले की जांच कर रही समिति ने जांच के लिए निदेशक से कुछ समय और मांगा है। छह सदस्यीय जांच समिति ने प्रकरण की जांच 25 दिन पहले शुरू की थी। इसके अंतर्गत वीडियो फुटेज खंगाले गए और छात्रों से पूछताछ की गई। लेकिन अभी कुछ और बिंदुओं पर समिति अपनी जांच करेगी जिसके लिए उसने समय मांगा है।
छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में 17 दिसंबर को शांति मार्च निकाला था। आइआइटी के एक प्रोफेसर ने निदेशक से शिकायत की थी कि शांति मार्च के दौरान छात्रों ने फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे...लाजि़म है कि हम भी देखेंगे' गाने के साथ भड़काऊ भाषण दिए। उनकी शिकायत पर निदेशक ने जांच टीम गठित कर दी और 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। 25 दिन पहले इस मामले की जांच शुरू हुई। जांच टीम ने वीडियो फुटेज खंगाले व छात्रों से पूछताछ की। अभी जांच पूरी नहीं हुई है। आइआइटी प्रशासन का कहना है कि छह सदस्यीय जांच समिति ने इसकी समीक्षा के लिए कुछ दिन का और समय मांगा है।
सुर्खियों में आ गया था प्रकरण
फैज की नज्म को लेकर आइआइटी द्वारा जांच कराने का मामला मीडिया में कई दिन तक सुर्खियों में छाया रहा था। इतना ही नहीं फैज की नज्म को विरोधी बताकर कई मंचों पर बहस भी छिड़ गई थी। वहीं आइआइटी प्रबंधन द्वारा छात्रों के अंदोलन में भड़काऊ भाषण की जांच कराने की बात कही गई थी और बहस के मुद्दे को बेबुनियाद करार दिया था। हालांकि अभी जांच में समिति और समय ले सकती है। वहीं जांच समिति की रिपोर्ट आने को लेकर राजनीतिक लोगों के अलावा अन्य संस्थानों की भी नजर बनी है।