जीएसटी को विसंगतियां खत्म कर बनाएं आसान
जीएसटी की विसंगतियों को खत्म कर इसे आसान बनाया जाए। यह मांग जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले कारोबारियों ने उठाई है। काउंसिल की बैठक इस पखवाड़े के अंत में होने जा रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटी की विसंगतियों को खत्म कर इसे आसान बनाया जाए। यह मांग जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले कारोबारियों ने उठाई है। काउंसिल की बैठक इस पखवाड़े के अंत में होने जा रही है।
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नियम 36(4) को समाप्त किया जाए। इसके अलावा अनाज व अन्य वस्तुओं पर जीएसटी को नहीं लगाया जाना चाहिए। यह ठीक नहीं है।
- कमल उत्तम, अध्यक्ष, दक्षिण उद्योग व्यापार मंडल। जीएसटी में ट्रांसपोर्टर को तमाम परेशानी होती हैं। उनके लिए ई-वे बिल को लेकर जो विसंगतियां हैं, उन्हें दूर किया जाए।
- श्याम शुक्ला, अध्यक्ष, यूपी युवा मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन। टिंबर व लकड़ी में वन विभाग का लाइसेंस शुल्क व मंडी समिति का शुल्क है। इसके बाद भी जीएसटी में 18 फीसद टैक्स है। इसे कम करें।
- गुरजिंदर सिंह, महामंत्री, टिंबर उद्योग व्यापार मंडल। ब्रांडेड अनाज में जीएसटी पांच फीसद है। ये गलत है। इसके अलावा बिना ब्रांड के अनाज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव गलत है।
- सुनील मिश्रा, अध्यक्ष, कानपुर खाद्य पदार्थ व्यापार मंडल। जीएसटी में संशोधन की सुविधा नहीं है। जबकि, वैट में यह सुविधा थी। व्यापारियों को रिटर्न में संशोधन के अधिकार दिए जाने चाहिए।
- अनुराग त्रिवेदी, कपड़ों के थोक कारोबारी। जगह-जगह दुकानों पर अधिकारी पहुंच कर छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इससे छोटे कारोबारी कार्य करने में असहज महसूस कर रहे हैं।
- राकेश त्रिवेदी, रेडीमेड गारमेंट कारोबारी। जो रिटर्न की कमियां हैं, उसे दूर किया जाना चाहिए। साफ्टवेयर में गड़बड़ियां कारोबारियों को परेशान करती हैं। इन्हें दूर किया जाए।
- आशीष गुप्ता, टैक्स सलाहकार।