आंखों तक पहुंचा जहरीली हवाओं का असर, जानिए किस तरह पहुंचा रही हैं नुकसान Kanpur News
अस्पतालों में बढ़ी नेत्र रोगियों की संख्या लाल होने के साथ ही आंखों से आ रहा पानी।
कानपुर, जेएनएन। हानिकारक गैसों की वजह से प्रदूषित हो चुकी हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचा रही हैं। एलएलआर अस्पताल (हैलट), उर्सला और नर्सिंगहोम में नेत्र रोगियों की संख्या बढ़ गई है। अत्यधिक छोटे और बड़े कणों की वजह से आंखों में संक्रमण की समस्या हो रही है, जिसमें तीव्र जलन और पानी आना शामिल है। आंखों का रंग लाल हो रहा है। कई ऐसे केस भी आ रहे हैं, जिसमें दवाएं व आइ ड्राप के उपयोग के बावजूद बार बार संक्रमण हो जा रहा है।
युवाओं व बच्चों को अधिक दिक्कत
नेत्र रोग विशेषज्ञ ऐसे लोगों को ऐहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत युवाओं और स्कूल जाने वाले बच्चों को हो रही है। उनमें संक्रमण भी अधिक पाया जा रहा है। कुछ मरीजों को तेज दर्द भी होता है।
ओपीडी में पहले से दोगुना आ रहे मरीज
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी मोहन ने बताया कि वायु प्रदूषण के दौरान एक तिहाई रोगी आंखों में एलर्जी और संक्रमण की समस्या लेकर आ रहे हैं। सर्दियों की शुरुआत में ओपीडी में ऐसे 30 से 40 केस ही आते थे। अब इनकी संख्या 100 से अधिक हो गई है। डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि वायु प्रदूषण के दौरान आंखें धोना बेहतर रहता है। दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट या काला चश्मा लगाएं। आंखों में संक्रमण होने पर डॉक्टरों को ही दिखाकर ही आइ ड्राप लें।
कांटेक्ट लेंस वालों की दिक्कतें बढ़ी
कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले वायु प्रदूषण की वजह से परेशान हैं। उनमें संक्रमण की दिक्कत बढ़ गई है। वह काफी मुश्किल से लेंस का प्रयोग कर पा रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ ऐसे लोगों को वायु प्रदूषण के समय लेंस का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहे हैं।
गलत आइ ड्राप से बढ़ रही परेशानी
आंखों में संक्रमण होने पर बिना डॉक्टरों के परामर्श के आइ ड्राप डालने वालों को भी कठिनाई हो रही है। कई ऐसे लोग हैं जिनकी समस्या बढ़ गई है। उनको एंटीबायोटिक तो दी जाती है लेकिन संक्रमण को पूरी तरह से ठीक करने की दवा नहीं मिल पाती है।