पाइप टेस्टिंग में फंसी बर्रा विश्वबैंक की जलापूर्ति
विश्वबैंक बर्रा में पाइप की टेस्टिंग न होने से जलापूर्ति भी फंस गई है। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के तहत दस साल पहले क्षेत्र में जलाशय व टंकी बनाई गई थी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : विश्वबैंक बर्रा में पाइप की टेस्टिंग न होने से जलापूर्ति भी फंस गई है। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना (जेएनएनयूआरएम) के तहत दस साल पहले क्षेत्र में जलाशय व टंकी बनाई गई थी। घरों में तक पाइप भी बिछ गए, लेकिन आज तक पानी घरों के नलों में पानी नहीं पहुंचा है। इसके चलते 30 हजार जनता पीने के पानी के लिए जूझ रही है।
क्षेत्रीय पार्षद सुधा जितेन्द्र सचान ने बताया कि दस साल पहले जलाशय बनाया गया था, लेकिन आज तक टेस्टिंग नहीं हो पाई है कई बार अफसरों से शिकायत भी कर चुके है। उन्होंने बताया कि केडीए ने कालोनी को विकसित किया था तब पीने के पानी और सीवर समस्या से क्षेत्र जूझ रहा है।
जनता बोली
जलाशय न चलने से दूषित पानी प्रयोग में लाना पड़ रहा है। इस बारे में जनप्रतिनिधियों से बहुत बार शिकायत की है।
-राकेश कुमार मिश्र
दस साल पहले जब जलाशय बना तो उम्मीद थी कि पर्याप्त पानी मिलेगा। लेकिन अभी तक चालू नहीं हो पाया। इससे सभी निराश हैं।
-रामप्रकाश
दो साल से दूषित पानी आ रहा है। शिकायत करने पर लीकेज ठीक हो जाता, लेकिन कुछ दिन बाद फिर वही समस्या हो जाती।
जगत नारायण
जलाशय के टेस्टिंग में देरी कर रही है। इस वजह से शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। इसकी शिकायत अधिकारियों से की है।
महेश दुबे
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जलाशय का निर्माण करने वाली कंपनी टेस्टिंग में देरी कर रही है। काम को तेजी से शुरू कराने के लिए कंपनी को पत्र लिखा गया है।
-आरके वर्मा, सहायक अभियंता जल निगम