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पाठा की पहली दस्यु सुंदरी साधना पटेल को घेरकर दबोचा, मप्र की सतना पुलिस को मिली सफलता

चित्रकूट जिले के पाठा के जंगलों की पहली दस्यु सुंदरी साधना पटेल को मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने जंगल में घेरकर पकड़ लिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 09:45 AM (IST)
पाठा की पहली दस्यु सुंदरी साधना पटेल को घेरकर दबोचा, मप्र की सतना पुलिस को मिली सफलता
पाठा की पहली दस्यु सुंदरी साधना पटेल को घेरकर दबोचा, मप्र की सतना पुलिस को मिली सफलता

चित्रकूट, जेएनएन। पाठा के जंगलों की पहली दस्यु सुंदरी साधना पटेल को मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने जंगल में घेरकर पकड़ लिया। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की इनामी महिला दस्यु के खिलाफ लूट, डकैती और अपहरण के सात मामले दर्ज हैं।

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मध्य प्रदेश के सतना के सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने साधना पटेल को रविवार को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि शनिवार को डकैत साधना के गैंग के साथ मझगंवा क्षेत्र के कडियन मोड़ जंगल में देखे जाने की सूचना पर पुलिस टीमों ने घेराबंदी की। खुद को घिरा देख साधना भागने लगी, तभी पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान उसके साथी भाग निकले। डकैत साधना पटेल की तलाशी में महिला पुलिस अधिकारियों को हथियार व दैनिक उपयोग की सामग्री मिली।

एसपी ने बताया कि गिरोह के पांच शातिरों को पहले पकड़ा जा चुका है, जिनमें 10 हजार के इनामी रवि उर्फ रिंकू शिवहरे व दीपक शिवहरे, 15 हजार का इनामी शिव मूरत कोल, पांच हजार का इनामी धन्नू उर्फ धनपत खैरवार व दादू सिंह उर्फ पट्टीदार सिंह शामिल हैं। साधना की गिरफ्तारी के बाद गिरोह लगभग खत्म हो गया है। 20 हजार की इनामी दस्यु सुंदरी पर 30 हजार रुपये इनाम बढ़ाने के लिए पूर्व में पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन को प्रतिवेदन भेजा गया था। साधना पटेल को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम की पुरस्कृत किया जाएगा।

2015 में नवल धोबी गैंग में शामिल होकर बनी डाकू

घर की दहलीज लांघकर बंदूक थामने वाली साधना पटेल को गैंग में परिवार के सदस्य की तरह 'साधना जीजी' कहकर बुलाते थे। बचपन से डकैतों के बीच रही साधना कुछ ही समय में यूपी-एमपी के जंगल में दहशत का पर्याय बन गई। चित्रकूट के भरतकूप क्षेत्र के रामपुर पालदेव के बगहिया पुरवा निवासी बुद्धविलास पटेल की तीन संतानों में साधना सबसे बड़ी है। उसके परिवार को डकैतों का करीबी माना जाता था। इनामी डकैत रहे चुन्नीलाल पटेल का भी घर में आना-जाना था। साधना उसको चाचा कहती थी। हालांकि बचपन से ही साधना नयागांव क्षेत्र के भागड़ा गांव में बुआ के पास आ गई थी। यहां भी डकैत डकैतों का आना-जाना था।

बुआ के घर से ही बिगड़ी सोहबत

बुआ के घर में कोई रोक-टोक नहीं होने पर साधना की सोहबत बिगड़ गई। वर्ष 2015 में साधना अपने मुंह बोले रिश्तेदार के साथ घर छोड़कर नवल धोबी गिरोह में शामिल हो गई। साधना गिरोह में क्षेत्र में आतंक स्थापित करना चाहती थी। नवल धोबी व गैंग के कई सदस्यों के पकड़े जाने के बाद साधना ने दीपक शिवहरे, रवि उर्फ ङ्क्षरकू शिवहरे, छोटू उर्फ ज्ञानेंद्र पटेल के साथ अपना गैंग बनाया और सड़क, बीड़ी पत्ता ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने लगी। वर्ष 2018 में दस्यु सुंदरी ने नयागांव थाना के पालदेव से छोटकू सेन का अपहरण कर सनसनी फैला दी। फिरौती के लिए छोटकू के हाथ की अंगुलियां काट दी थी। इस घटना में उसके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था।

पुलिस के दबाव में छोड़ा जंगल

यूपी-एमपी पुलिस के दस्यु आपरेशन से साधना काफी डर गई थी। पुलिस ने गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया तो कुछ अलग हो गए। इसके चलते साधना कमजोर पड़ गई। करीब चार माह पहले उसने साथी छोटू पटेल के साथ जंगल छोड़ दिया। चर्चा थी कि साधना और छोटू मुंबई या किसी महानगर में पनाह लिये है।


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