इस माह बीएसएनएल कर्मियों को पड़ सकते वेतन के लाले, ये है वजह Kanpur News
आर्थिक तंगी से जूझ रहे विभाग को पांच बैंकों ने भी लोन देने से इन्कार कर दिया है।
कानपुर, जेएनएन। आर्थिक तंगी से जूझ रहे बीएसएनएल में अब कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलना आम बात हो गई है। बीते आठ माह में ऐसा तीन बार हो चुका है, इस माह तो वेतन मिलने पर ही संकट आ गया है। विभाग पूरी कवायद में जुटा है कि कर्मचारियों को वेतन निर्गत कर दिया जाए लेकिन आर्थिक संकट के चलते धन का जुगाड़ नहीं हो पा रहा है। पांच बैंकों ने भी विभाग की हालत देखते हुए ऋण देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
निदेशक वित्त के तबादले के बाद आया संकट
समस्या की शुरुआत फरवरी माह में तब हुई थी जब बीएसएनएल के वित्त निदेशक ने वेतन के सापेक्ष दूसरे मद के भुगतान पहले करने का निर्णय लिया। कर्मचारियों को फरवरी माह का वेतन 15 मार्च को दिया गया था। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि नाराज पीएमओ ने निदेशक वित्त का स्थानांतरण कर दिया था। हालांकि उसके बाद फिर यह समस्या आई। सितंबर माह का वेतन देने के लिए बीएसएनएल के अधिकारियों ने शीर्ष पांच बैंकों के प्रतिनिधियों संग बैठक की, लेकिन उन्होंने लोन देने से इन्कार कर दिया। यही कारण है कि इस माह वेतन उम्मीद नहीं दिखती।
देश भर में प्रभावित होंगे 1.65 लाख कर्मचारी
वेतन न मिलने से कानपुर के 919 कर्मचारी और देश भर में 1.65 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे। बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव पी अभिमन्यु कहते हैं कि जितना बताया जा रहा है हालात उतने खराब नहीं हैं। कर्मचारी डरे हुए हैं। बीएसएनएल के पास कीमती भूमि हैं। इनका प्रयोग बीएसएनएल में जान फूंकने के लिए कर सकतें हैं। वर्तमान में वेतन की उम्मीद न के बराबर है। उत्तर प्रदेश बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन अध्यक्ष के डॉ. डीएन त्रिपाठी ने बताया कि देवरिया व कुशीनगर में संचालन पूरी तरह ठप है। सरकार ध्यान नहीं देगी तो यह स्थिति पूरे देश में हो जाएगी। वेतन न मिलने से कर्मचारी परेशान होगा जिसका असर काम पर पड़ेगा।