इंद्रा नगर में ही सौ एकड़ भूमि पर बनेगा मेट्रो का कॉस्टिंग यार्ड Kanpur News
यार्ड में ही अफसरों के दफ्तर आवासीय परिसर और शॉपिंग मॉल भी बनेगा।
By Edited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 01:40 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 10:20 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। इंद्रानगर स्थित सौ एकड़ भूमि पर ही मेट्रो रेल का कास्टिंग यार्ड बनेगा। अभी यह भूमि राजकीय उन्नयन बस्ती के लोगों को पट्टे पर आवंटित है। जल्द ही इसे कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के नाम किया जाएगा। भूमि की उपलब्धता के लिए केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने डीएम विजय विश्वास पंत को पत्र लिखा है। विभिन्न न्यायालयों में चल रहे सात मुकदमों की पैरवी तेज कर स्टे खारिज कराने का आग्रह भी किया है।
मेट्रो के लिए पॉलीटेक्निक में यार्ड बन रहा है। जब मेट्रो नौबस्ता पहुंचेगी तो वहां आवास विकास परिषद के हंसपुरम स्थित भूमि पर एक यार्ड बनेगा। सीएसए से बर्रा जाने वाले रूट के लिए एक यार्ड सीएसए में बनेगा जबकि इसका कॉस्टिंग यार्ड इंद्रा नगर में बनाने की तैयारी है। यार्ड में ही मेट्रो कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक, मुख्य अभियंता व अन्य अफसरों के दफ्तर होंगे। अफसरों के लिए आवासीय परिसर और शॉपिंग मॉल भी बनेगा। वर्ष 2015 में वहां सौ एकड़ भूमि चिह्नित की गई थी। अब इसे आवंटित कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यहां 152 एकड़ भूमि है। आजादी से पहले ही यहां राजकीय उन्नयन बस्ती बसाई गई थी।
बस्ती के लोग अपराध का पेशा छोड़ दें, इसके लिए उन्हें कृषि कार्य के लिए पांच- पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। पांच अगस्त को प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में तय किया गया है कि जल्द से जल्द यह भूमि मेट्रो रेल कारपोरेशन के नाम हस्तांतरित की जाए। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में सात वाद विचाराधीन हैं। इस पत्र के बाद डीएम के आदेश पर समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने वहां अवैध तरीके से कराए गए भवनों के निर्माण का सर्वे शुरू कराया है ताकि पता चल सके कि कृषि कार्य के लिए आवंटित भूमि पर कितने भवन बने हैं। मेट्रो कारपोरेशन को आवंटन के साथ ही इन भवनों को भी ढहाया जाएगा।
मेट्रो के लिए पॉलीटेक्निक में यार्ड बन रहा है। जब मेट्रो नौबस्ता पहुंचेगी तो वहां आवास विकास परिषद के हंसपुरम स्थित भूमि पर एक यार्ड बनेगा। सीएसए से बर्रा जाने वाले रूट के लिए एक यार्ड सीएसए में बनेगा जबकि इसका कॉस्टिंग यार्ड इंद्रा नगर में बनाने की तैयारी है। यार्ड में ही मेट्रो कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक, मुख्य अभियंता व अन्य अफसरों के दफ्तर होंगे। अफसरों के लिए आवासीय परिसर और शॉपिंग मॉल भी बनेगा। वर्ष 2015 में वहां सौ एकड़ भूमि चिह्नित की गई थी। अब इसे आवंटित कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यहां 152 एकड़ भूमि है। आजादी से पहले ही यहां राजकीय उन्नयन बस्ती बसाई गई थी।
बस्ती के लोग अपराध का पेशा छोड़ दें, इसके लिए उन्हें कृषि कार्य के लिए पांच- पांच एकड़ भूमि आवंटित की गई थी। पांच अगस्त को प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में तय किया गया है कि जल्द से जल्द यह भूमि मेट्रो रेल कारपोरेशन के नाम हस्तांतरित की जाए। जिलाधिकारी को लिखे पत्र में केडीए उपाध्यक्ष किंजल सिंह ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में सात वाद विचाराधीन हैं। इस पत्र के बाद डीएम के आदेश पर समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने वहां अवैध तरीके से कराए गए भवनों के निर्माण का सर्वे शुरू कराया है ताकि पता चल सके कि कृषि कार्य के लिए आवंटित भूमि पर कितने भवन बने हैं। मेट्रो कारपोरेशन को आवंटन के साथ ही इन भवनों को भी ढहाया जाएगा।
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