स्वदेसी तकनीक के उपकरणों से पदक जीत रहे हैं दिव्यांग : थावर चंद्र गहलोत Kanpur News
एलिम्को में आयोजित कार्यक्रम में बोले केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री लाभार्थियों को वितरित किए उपकरण।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है। 2014 और 2019 की स्थिति में बहुत बड़ा अंतर हो गया है। संस्थान में नए नए आधुनिक उपकरण तैयार हो रहे हैं। सब कुछ आपसी सहयोग और मास्टरमाइंड टीम के रूप में काम करने का नतीजा है। यह बात एलिम्को में गुरुवार को राष्ट्रीय वयोश्री और एडिप योजना के लाभार्थियों को उपकरण वितरित करने आए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. थावर चंद्र गहलोत ने कही।
उन्होंने बताया कि जर्मनी के सहयोग से ऑटोबॉक (उपकरण) तैयार किए जा रहे हैं। एलिम्को ने उसी तरह से 'मेक इन इंडिया' पर आधारित स्वदेसी तकनीक विकसित की है, जिसका दिव्यांग खिलाडिय़ों को फायदा मिल रहा है। ऑटोबॉक से दिव्यांग खिलाड़ी न सिर्फ आसानी से चल फिर रहे हैं, बल्कि रनिंग ट्रैक पर पदक जीत रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार दिव्यांगों की बेहतरी के लिए हर कदम उठा रही है। सामाजिक, आर्थिक समेत कई योजनाएं चल रही हैं।
छात्रों को प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक समेत कई स्कॉलरशिप मिल रही है। आइएएस और आइपीएस की निश्शुल्क कोचिंग कराई जा रही है। कौशल प्रशिक्षण भी संचालित किए जा रहे हैं। करीब 46 हजार छात्रों को ऋण मिल चुका है, जबकि 27 हजार कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। पिछले पांच साल में 7971 शिविर आयोजित हुए, जिनमें से 14 लाख दिव्यांगों को उपकरण दिए जा चुके हैं। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सचिव शकुंतला डी गामलिन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजय पांडेय, महापौर प्रमिला पांडेय, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, सत्यदेव पचौरी, एलिम्को के प्रबंध निदेशक डीआर सरीन समेत अन्य उपस्थित रहे।
परिसर में किया उद्घाटन
मंत्री ने परिसर में पुनर्निर्मित प्रोस्थेटिक व ऑर्थोटिक केंद्र और नवीन आवासी परिसर का उद्घाटन किया।