हे भगवान ! इस अस्पताल में मरीजों के साथ किया जाता है ऐसा सुलूक Kanpur News
एलएलआर अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की मनमानी थम नहीं रही है।
कानपुर, जेएनएन। बीमारी के बोझ तले कराहता, लाचार, बेबस मरीज जब डॉक्टर के सामने पहुंचता है तो वही उसके भगवान होते हैं। मरीज की सारी उम्मीदें इन्हीं भगवान पर टिकी होती हैं। वह सारी मिन्नत और फरियाद उन्हीं से करता है। मगर, यही डॉक्टर जब उसे दुत्कार कर भगा दें, थप्पड़ जड़ दें, पैरोकारी को आए दूसरी जिम्मेदार शख्सियत को बेइज्जत कर दें तो? एलएलआर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को ऐसे ही दो कारनामे किए। जिसने न केवल 'भगवान' के रूप को खंडित किया, बल्कि मरीजों की उस आस्था को चोट पहुंचाई जो डॉक्टर के प्रति उनके मन में होती है। अस्पताल प्रबंधन इन घटनाओं पर क्या रुख अपनाता है, यह तो देखने की बात है, लेकिन धरती के भगवान आईना देखें तो शायद उन्हें भी एहसास हो जाए कि उनका यह सुलूक ठीक नहीं है...।
'आयुष्मान भारत' के मरीज को जड़े तमाचे
एलएलआर अस्पताल (हैलट) में जूनियर रेजीडेंट (जेआर) की मनमानी थम नहीं रही हैं। औरैया के नगरागूज निवासी सुनील कुमार आयुष्मान लाभार्थी हैं। उनका एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में इलाज चल रहा था। 21 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह पत्नी तथा रिश्तेदार के साथ घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन गए। स्टेशन पर हालत बिगडऩे पर रात में ही पत्नी रिश्तेदारों संग सुनील को लेकर फिर से एलएलआर की इमरजेंसी पहुंचीं। रिश्तेदार रामदेवी तथा पत्नी का आरोप है कि मेडिसिन विभाग के जेआर दर्द की दवा लिखकर भगाने लगे। भर्ती करने के लिए कहने पर मरीज समेत इमरजेंसी से बाहर जाने के लिए कहा।
गार्ड को बुलाकर पिटवाने तथा धक्का देकर बाहर निकलवाने की धमकी दी। जब शिकायत जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) से की तो वह जेआर से बात करने गए। जेआर उनसे भी अभद्रता करने लगे। आरोप है कि जेआर ने मरीज को तमाचे मारे तथा सभी को धक्का मारते हुए बाहर निकाल दिया। रामदेवी ने सोमवार सुबह ईएमओ डॉ. विनय कटियार से लिखित शिकायत की। उन्होंने पूरे मामले से प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का अवगत कराया। प्रो. मौर्या ने बताया कि प्रकरण से प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी को लिखित रूप से अवगत करा दिया गया।
मरीज को दौड़ाया, महिला पीआरओ से अभद्रता
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजीडेंट (जेआर) पूरी तरह बेलगाम हो गए हैं, वे मरीजों को इधर-उधर दौड़ाने के साथ अभद्रता भी करते हैं। एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने रविवार रात पीआरओ संजय शर्मा को फोन कर महिला मरीज ललिता देवी के बारे में जानकारी मांगी। संजय शर्मा ने ऑन ड्यूटी पीआरओ पल्लवी शुक्ला से मरीज के बारे में पूछा। पल्लवी के मुताबिक इमरजेंसी का रिकार्ड चेक करने पर पता चला कि ऐसा कोई मरीज नहीं आया है। उसके कुछ देर बाद ही मरीज के परिजन मिले।
बताया कि पहले जब आए थे तो मेडिसिन के डॉक्टरों ने जच्चा-बच्चा अस्पताल भेज दिया था। वहां से डॉक्टरों ने चेक करने के बाद फिर इमरजेंसी भेज दिया है। इसके बाद पल्लवी ने अपने सहायक दिनेश को मरीज को भर्ती कराने के लिए भेजा। दिनेश ने ऑन ड्यूटी जेआर-3 को एसआइसी प्रो. आरके मौर्या का संदेश दिया। उसके बाद भी जेआर ने मरीज को संक्रामक रोग अस्पताल ले जाने को कहा। पल्लवी जेआर-3 डॉ. सौरंग से एसआइसी से बात कराने को अंदर गईं।
पीआरओ का आरोप है कि जेआर-2 डॉ. अमरेंद्र डांटते हुए उन्हें निकालने लगे। जब अपना परिचय दिया कि मैं पीआरओ हूं तो उनका जवाब का कि पीआरओ को मैं नहीं जानता। जेआर डॉ. राहुल ने हाथ पकड़ कर धक्का देते हुए बाहर निकाल दिया। इसकी जानकारी ईएमओ डॉ. अनुराग रजौरिया को दी। उन्होंने सुबह लिखित शिकायत एसआइसी से करने को कहा।
जिम्मेदारों का ये है कहना
अस्पताल में जेआर को अनुशासन में रहना होगा। ईएमओ, पीआरओ, पैरा मेडिकल स्टॉफ से शालीनता से पेश आना होगा। जेआर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्राचार्य को पत्र लिखा है। -प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक एलएलआर अस्पताल।