बारिश के बाद करंट का कहर, मासूम समेत दो की गई जान Kanpur News
नेहरू नगर में पोल से चिपक कर कर्मयोगी की मौत पर परिजनों ने मुआवजे के लिए किया हंगामा।
कानपुर, जेएनएन। बारिश के बाद जलभराव और इसमें अदृश्य हुए जानलेवा गड्ढे ही लोगों के लिए मुसीबत नहीं बन गए हैं बल्कि केस्को के लचर तंत्र के कारण करंट भी जिंदगियों पर कहर बनकर टूट रहा है। शनिवार सुबह एक घंटे के दौरान दो हादसों में करंट से एक कर्मयोगी और एक मासूम बच्चे की मौत हो गई।
पोल में करंट ने ली कर्मयोगी की जान
नेहरू नगर निवासी 45 वर्षीय कर्मयोगी संजय कुमार नजीराबाद में समाचार पत्र वितरण करते थे। शनिवार सुबह संजय आरके मिशन स्कूल के पास आश्रम वाली गली में पहुंचे। वहां बारिश का पानी भरा था। उन्होंने एक घर में अखबार फेंका जो बाहर ही गिर गया। जैसे ही वह अखबार उठाने के लिए झुके, बिजली के पोल में उतरे करंट की चपेट में आ गए। लोगों ने बिजली की सप्लाई बंद करवाई। एलएलआर अस्पताल लाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे से परिवार में कोहराम मच गया। परिवार में पत्नी सुनीता, दो बेटे आकाश व वरुण के अलावा बुजुर्ग पिता पूरन चंद व मां मुन्नी देवी हैं।
पोस्टमार्टम के बाद दोपहर करीब तीन बजे परिजन शव लेकर जवाहर नहर सबस्टेशन पहुंचे। केस्को की लापरवाही को हादसे का कारण बताते हुए मुआवजा मांगा। सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी और इरफान सोलंकी पीडि़त परिजन से मिलने पहुंचे और 20 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की। नजीराबाद पुलिस ने आक्रोशित परिजन को शांत कराया। केस्को के अधिकारियों ने परिजन को दस हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिए। मुआवजे के लिए पांच लाख रुपये दिलवाने का आश्वासन दिया।
पेड़ की टूटी डाल बनी मौत की वजह
केस्को पेड़ों की छंटाई के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च करता है मगर, ठेकेदारों की मनमानी से बिजली सप्लाई की राह में पेड़ सबसे बड़ी बाधा हैं। कर्मयोगी की असमय मौत के पीछे भी पेड़ की टूटी डाल ही जिम्मेदार निकली। टूटी डाल एक हिस्सा आपूर्ति लाइन तो दूसरा पोल से टकरा रहा था।
चार्जिंग पर लगे ई रिक्शा के पास से गुजरा मासूम, करंट से चिपका
नई सड़क स्थित सुनहरी मस्जिद के पास सिलाई का काम करने वाले चांद बाबू अपने परिवार के साथ रहते हैं। चांद बाबू ने बताया कि सात वर्षीय बेटा सुजियान शनिवार सुबह करीब आठ बजे अपने नाना कमर के साथ नाश्ता लेने गया था। लौटते वक्त घर के पास स्थित ई-रिक्शा की दुकान ताज इंटरप्राइजेज के बाहर दुकान मालिक बल्लू का ई-रिक्शा चार्ज हो रहा था। सुफियान ई-रिक्शा के करीब से निकला तो करंट की चपेट में आकर जमीन पर गिर पड़ा। क्षेत्रीय लोग दौड़े और ई-रिक्शा को चार्जिंग से हटाया। सुफियान बुरी तरह झुलस गया। आनन-फानन उसे एलएलआर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने सुफियान को मृत घोषित कर दिया। बेकनगंज पुलिस मौके पर पहुंची। परिजन के इन्कार पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया। थाना प्रभारी वीर सिंह ने बताया कि परिजन ने तहरीर नहीं दी है।
ई-रिक्शा चार्जिंग है बड़ी मुसीबत
ई-रिक्शा की अवैध तरीके से चार्जिंग शहर में करीब एक दर्जन स्थानों पर हो रही है। पुलिस और केस्को को इसकी जानकारी है, इसके बावजूद लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। मासूम सूफियान की मौत के मामले में पुलिस ने तहरीर न होने का बहाना बनाकर मामला टाल दिया जबकि केस्को ने भी कार्रवाई नहीं की।
दिनभर सड़क पर पड़े रहे गायों के शव
मेडिकल कॉलेज के गल्र्स हॉस्टल के सामने बिजली के पोल से चिपककर दो गायों की मौत हो गई। सुबह हुए हादसे के बाद दोनों गायों के शव पूरे दिन सड़क पर ही पड़े रहे। नगर निगम या कोई गोसेवक शवों को उठाने के लिए आगे नहीं आया। केस्को ने भी कुछ नहीं किया। दिन भर पोल में करंट दौड़ता रहा।