ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी की बाधा दूर करने के लिए अगले माह हो सकती बैठक
हाईटेक सिटी की आधारशिला मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव ने पांच साल पहले रखी थी।
कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब गंगा बैराज पर बसाई जा रही ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी की बाधाओं को दूर करेगा। धरना दे रहे किसानों से उन्नाव के डीएम और यूपीसीडा के अफसर बैठक करेंगे। उन्हें मनाया जाएगा ताकि दो सालों से बंद पड़े विकास कार्य दोबारा शुरू हो सके।
पांच साल पहले हाईटेक सिटी की आधारशिला मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव ने रखी थी। तब बड़े- बड़े सपने दिखाए गए थे। तीन सालों तक तेजी से विकास हुआ, लेकिन जब घपले घोटाले सामने आए तो कुछ अभियंताओं ने यहां के किसान नेताओं को भड़का दिया। परिणाम स्वरूप किसान नेताओं ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की और किसानों के साथ मिलकर मौके पर कब्जा कर लिया। दो सालों से वहां कोई विकास नहीं हुआ है। हालत यह है कि पार्क टूट गए हैं। पाइपें भी टूट गई हैं। वहां लगाए गए पौधों को जानवर खा गए हैं। किसानों से कई दौर की वार्ता यूपीसीडा प्रबंधन कर चुका है, लेकिन वे मौके से हटने को तैयार नहीं हैं।
किसान चाहते हैं कि उन्हें मौजूदा दर के हिसाब से मुआवजा दिया जाए और विकसित भूमि दी जाए। प्रबंधन भूमि देने को तैयार है, लेकिन अब मुआवजा नहीं बढ़ाने को कह रहा है। इससे किसान भी जिद पर अड़े हैं। प्राधिकरण के एक अफसर के मुताबिक अब शासन ने हर हाल में वहां विकास कराने के लिए कहा है। ऐसे में जल्द ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक होगी और फिर तय होगा कि किसानों से कैसे बात करनी है। मौके पर विकास न होने की वजह से तमाम आवंटियों ने प्राधिकरण से पैसा वापस ले लिया है। कुछ आवंटी प्रबंधन की वादा खिलाफी के विरुद्ध रेरा का दरवाजा खटखटाया है।
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