खानपान की गलत आदतों व तनाव से पेट में होता अल्सर
अनियमित जीवन शैली एवं खानपान की गलत आदतों से पेट में अल्सर की समस्या हो सकती है। तनाव की वजह से एसिड अधिक बनता है जिससे अल्सर का खतरा बढ़ जाता है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : अनियमित जीवन शैली एवं खानपान की गलत आदतों से पेट में अल्सर की समस्या हो सकती है। तनाव की वजह से एसिड अधिक बनता है, जिससे अल्सर का खतरा बढ़ जाता है। यह बातें रविवार को गैजेंज क्लब के रूबी हॉल में आइएमए की एसिड पेप्टिक डिसऑर्डर मैनेजमेंट पर हुई कार्यशाला में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. गौरव चावला ने कहीं।
उन्होंने बताया कि पेप्टिक अल्सर से कैंसर का खतरा नहीं रहता है, जबकि गैस्ट्रिक अल्सर से कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए पेट के अल्सर को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय से जांच कराकर इलाज कराना चाहिए। इसका जल्द पता चलने पर एसिड की दवाओं से इसे ठीक किया जा सकता है। इलाज में विलंब से आपरेशन की जरूरत पड़ जाती है। जब भोजन पचाने वाला अम्ल अमाशय एवं छोटी आंत की अंदरुनी दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है तब अल्सर की समस्या होती है। इसके इलाज में लापरवाही से फट भी सकता है। इसके पैनलिस्ट डॉ. अशोक कुमार निगम व सुशील शुक्ला व चेयरपर्सन डॉ. मयंक मेहरोत्रा थे। अध्यक्षता डॉ. अर्चना भदौरिया व संचालक डॉ. जेएस कुशवाहा ने किया। इस दौरान डॉ. एसी अग्रवाल, डॉ. रीता मित्तल, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. बृजेंद्र शुक्ला, डॉ. मनीष वर्मा, डॉ. राजेश भदौरिया, डॉ. एके त्रिवेदी व डॉ. प्रवीन कटियार आदि मौजूद रहे।
धूम्रपान से भी अल्सर का खतरा
गलत खानपान तथा पेट में एसिड अधिक बनने से ही अल्सर नहीं होता, बल्कि हेलिकोबेक्टर पायलोरी बैक्टीरिया भी इसकी वजह है। धूम्रपान से भी इसका खतरा रहता है। गैस्ट्रिक अल्सर में खाने के बाद पेट में दर्द होता है। ड्यूडिनल अल्सर में खाली पेट रहने से पेट में दर्द होता है।
कोल्ड ड्रिंक व जंक फुड का सेवन
अल्सर से बचाव के लिए मिर्च मसालेदार चीजें, कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक और जंक फुड का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा अधिक देर खाली पेट न रहें।