रिटायर्ड कैप्टन बनाता था सेना भर्ती के जाली दस्तावेज, ठगी की रकम में होती थी आधी हिस्सेदारी
पकड़ा गया फर्जी कर्नल पहले सेवानिवृत्त कैप्टन के घर में दो साल तक किरायेदार रहा।
By Edited By: Published: Mon, 20 May 2019 01:53 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 01:52 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। फर्जी कर्नल सूर्यप्रताप उर्फ मनोज सेंगर अभ्यर्थियों को जाल में फंसाने के लिए फर्रुखाबाद के सेवानिवृत्त कैप्टन से सेना भर्ती का नियुक्ति पत्र व अन्य जाली दस्तावेज तैयार कराता था। वह उक्त रिटायर्ड कैप्टन के घर में दो साल बतौर किरायेदार रहा था। उसी से आर्मी के विभिन्न पदों, भर्ती प्रक्रिया, अन्य बातों की जानकारी ली। रेलबाजार पुलिस अब रिटायर्ड कैप्टन की तलाश कर रही है और फर्रुखाबाद पुलिस से संपर्क साधा है।
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बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने का झांसा देने वाले औरैया के बेला थाना अंतर्गत बर्सकुलासर गांव निवासी सूर्यप्रताप उर्फ मनोज सेंगर को रेलबाजार पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। उसके पास बावर्दी फोटो वाली पासबुक, आइडी कार्ड भी मिला था। जांच में पता लगा कि सूर्यप्रताप ने औरैया, फतेहगढ़, कानपुर ही नहीं उत्तराखंड के कई जिलों में युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे थे। देर रात आइबी, एटीएस और आर्मी इंटेलिजेंस की टीमों ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि मनोज वर्ष 2015 व 2016 में फर्रुखाबाद स्थित आवास विकास कालोनी में रिटायर्ड कैप्टन कमलेश अग्निहोत्री के घर किराये पर रहता था।
रिटायर्ड कैप्टन से सीखे आर्मी के तौर तरीके
कमलेश से दोस्ती कर फर्जी कर्नल ने आर्मी के तौर तरीके, चलने फिरने, सैल्यूट करने आदि की जानकारी ली। इसके बाद मनोज ने सूर्यप्रताप बनकर भर्ती व मेडिकल के नाम पर ठगी कर रुपये कमाने का प्लान बनाया। अपने प्लान में रिटायर्ड कैप्टन को भी मिला लिया। इसमें कैप्टन ही झांसे में आने वाले युवकों का आर्मी में फर्जी नियुक्ति पत्र, मेडिकल रिपोर्ट व अन्य जाली दस्तावेज बनाता था।
रिटायर्ड कैप्टन को देता था आधी रकम
सूर्यप्रताप ठगी से मिलने वाली रकम में आधा हिस्सा रिटायर्ड कैप्टन को देता था। सीओ कैंट रवि कुमार ने बताया कि रिटायर्ड कैप्टन के घर रहने के दौरान ही फर्जी कर्नल ने काफी जानकारी हासिल कीं।
गांव से भेजे पांच युवक, तीन का चयन फर्जी
कर्नल ने सेना भर्ती में फर्जीवाड़े की शुरुआत अपने गांव औरैया के बर्सकुलासर से की थी। गांव के पांच युवकों भूपेंद्र ¨सह, सोनू गुप्ता, पुष्पेंद्र व दो अन्य को झांसी की सेना भर्ती में भेजा। जहां भूपेंद्र, सोनू व पुष्पेंद्र की भर्ती हो गई। दो मेडिकल फिटनेस में फेल हो गए लेकिन सभी से उसने तीन-तीन लाख रुपये लिए थे। रकम न लौटा पाने पर वह फिर वापस गांव नहीं गया। आरोपित के मुताबिक इस समय भूपेंद्र जम्मू-कश्मीर मे, सोनू अरुणाचल प्रदेश व पुष्पेंद्र जैसलमेर में तैनात है। पुलिस ने उनकी सूचना आर्मी अफसरों को दी है। अब इसकी जांच कराई जाएगी कि उनकी भर्ती में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई।
बाइक निर्माता कंपनी में करता था नौकरी
ठगी करने से पहले सूर्यप्रताप वर्ष 2014 में मानेसर हरियाणा में दोपहिया वाहन कंपनी में नौकरी करता था। इसके बाद एक परिचित के माध्यम से फिटर की नौकरी के लिए फर्रुखाबाद आया और रिटायर्ड कैप्टन के यहां रहा। इसके बाद जालसाजी शुरू कर दी।
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बेरोजगार युवकों को सेना में भर्ती कराने का झांसा देने वाले औरैया के बेला थाना अंतर्गत बर्सकुलासर गांव निवासी सूर्यप्रताप उर्फ मनोज सेंगर को रेलबाजार पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। उसके पास बावर्दी फोटो वाली पासबुक, आइडी कार्ड भी मिला था। जांच में पता लगा कि सूर्यप्रताप ने औरैया, फतेहगढ़, कानपुर ही नहीं उत्तराखंड के कई जिलों में युवाओं को सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे थे। देर रात आइबी, एटीएस और आर्मी इंटेलिजेंस की टीमों ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि मनोज वर्ष 2015 व 2016 में फर्रुखाबाद स्थित आवास विकास कालोनी में रिटायर्ड कैप्टन कमलेश अग्निहोत्री के घर किराये पर रहता था।
रिटायर्ड कैप्टन से सीखे आर्मी के तौर तरीके
कमलेश से दोस्ती कर फर्जी कर्नल ने आर्मी के तौर तरीके, चलने फिरने, सैल्यूट करने आदि की जानकारी ली। इसके बाद मनोज ने सूर्यप्रताप बनकर भर्ती व मेडिकल के नाम पर ठगी कर रुपये कमाने का प्लान बनाया। अपने प्लान में रिटायर्ड कैप्टन को भी मिला लिया। इसमें कैप्टन ही झांसे में आने वाले युवकों का आर्मी में फर्जी नियुक्ति पत्र, मेडिकल रिपोर्ट व अन्य जाली दस्तावेज बनाता था।
रिटायर्ड कैप्टन को देता था आधी रकम
सूर्यप्रताप ठगी से मिलने वाली रकम में आधा हिस्सा रिटायर्ड कैप्टन को देता था। सीओ कैंट रवि कुमार ने बताया कि रिटायर्ड कैप्टन के घर रहने के दौरान ही फर्जी कर्नल ने काफी जानकारी हासिल कीं।
गांव से भेजे पांच युवक, तीन का चयन फर्जी
कर्नल ने सेना भर्ती में फर्जीवाड़े की शुरुआत अपने गांव औरैया के बर्सकुलासर से की थी। गांव के पांच युवकों भूपेंद्र ¨सह, सोनू गुप्ता, पुष्पेंद्र व दो अन्य को झांसी की सेना भर्ती में भेजा। जहां भूपेंद्र, सोनू व पुष्पेंद्र की भर्ती हो गई। दो मेडिकल फिटनेस में फेल हो गए लेकिन सभी से उसने तीन-तीन लाख रुपये लिए थे। रकम न लौटा पाने पर वह फिर वापस गांव नहीं गया। आरोपित के मुताबिक इस समय भूपेंद्र जम्मू-कश्मीर मे, सोनू अरुणाचल प्रदेश व पुष्पेंद्र जैसलमेर में तैनात है। पुलिस ने उनकी सूचना आर्मी अफसरों को दी है। अब इसकी जांच कराई जाएगी कि उनकी भर्ती में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई।
बाइक निर्माता कंपनी में करता था नौकरी
ठगी करने से पहले सूर्यप्रताप वर्ष 2014 में मानेसर हरियाणा में दोपहिया वाहन कंपनी में नौकरी करता था। इसके बाद एक परिचित के माध्यम से फिटर की नौकरी के लिए फर्रुखाबाद आया और रिटायर्ड कैप्टन के यहां रहा। इसके बाद जालसाजी शुरू कर दी।
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