बदल जाएंगे संपत्ति के मायने, न दिखाई देने वाली चीजें भी हो जाएंगी शामिल
इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड लागू हो जाने के बाद बैंकों के घपलों पर रोक लगेगी।
कानपुर, जेएनएन। बहुत जल्द संपत्ति के मायने बदल जाएंगे और न दिखाई देने वाली चीजें भी इसमें शामिल होंगी। मौजूदा समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड अलग है लेकिन अब भारत में भी इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड लागू होने जा रहा है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कवायद शुरू हो चुकी है।
देश में लागू होगा इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड
सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल द्वारा इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड पर आयोजित गोष्ठी में चार्टर्ड अकाउंटेंट व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के स्वतंत्र निदेशक राजीव सिंह ने बताया कि इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड से बैंकों के घपले रुकेंगे। देश में चरणबद्ध तरीके से इंडियन अकाउंट स्टैंडर्ड लागू किया जा रहा है, हालांकि इसे पूरी तरह लागू करने में एक दशक और लगेगा। पुराने स्टैंडर्ड में बैंक में हेराफेरी की संभावना थी लेकिन नए स्टैंडर्ड में आंकड़ों से जुड़ी गड़बड़ी नहीं होगी।
फिलहाल बैंकों में प्रक्रिया को रोका
बैंकों में इसे लागू करने की जो प्रक्रिया चल रही थी, उसे फिलहाल रोक दिया गया है, अभी इसके लिए माहौल तैयार हो रहा है। राजीव सिंह के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अकाउंटिंग स्टैंडर्ड है। जब देश में भी वही स्टैंडर्ड लागू हो जाएगा तो दूसरे देश हमारे डाटा पर भरोसा करने लगेंगे। अभी उनमें अविश्वास रहता है।
न दिखने वाली चीजें भी होंगी संपत्ति
राजीव सिंह ने बताया कि पहले सिर्फ जमीन, भवन को ही संपत्ति माना जाता था। अब न दिखने वाली चीजें भी संपत्ति हैं। कोई साफ्टवेयर तैयार करता है तो वह भी संपत्ति मानी जाती है। युवाओं के कांसेप्ट को भी संपत्ति माना जा रहा है। उनके मुताबिक अपने देश में संपत्ति के मूल्यांकन का कार्य बहुत निचले स्तर पर है। अब तक बुक वैल्यू किया जाता है। अब फेयर वैल्यू पर इसका आगणन होगा।
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