गंगा कभी साफ हो पाएंगी..पूछने वालों को देंगे जवाब'
गंगा सफाई पर कार्यशाला में एनएमसीजी के डीजी राजीव रंजन ने जताए ठोस इरादे अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान पर की चर्चा बोले-जल्द दिखेगा गंगा का सुंदर स्वरूप
जागरण संवाददाता, कानपुर :
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने गुरुवार को आइआइटी में गंगा सफाई पर कार्यशाला अपने ठोस इरादे जाहिर किए। बोले, लोग पूछते हैं कि क्या गंगा कभी साफ हो पाएगी। ऐसे लोगों को जवाब देंगे। वो भी इसी शहर के चर्चित सीसामऊ नाला का उदाहरण देकर। यह भी साफ किया कि अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान के लिए कानपुर को ही क्यों चुना। कहा कि इसके पीछे की मुख्य वजह यहां सब कुछ होना है। महानिदेशक ने जयपुर में बहने वाली द्रव्यवती नदी का उदाहरण भी सभी को बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह घर में 'मेहमान' आते हैं और उनसे अच्छा व्यवहार करते हैं, वैसे ही बेहतर व्यवहार गंगा से करें। गंगा को जीवनदायिनी कहा गया है। इसका ख्याल रखेंगे तो यह जरूर साफ होगी।
एनएमसीजी के महानिदेशक ने यहां मौजूद आइआइटी प्रोफेसर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, जिला प्रशासन, नगर निगम के अफसरों के साथ 'अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान' पर चर्चा की। कहा कि इस प्लान के तहत गंगा का स्वरूप सुंदर दिखेगा। वहीं, आइआइटी प्रोफेसर (सिविल इंजीनियरिग विभाग) विनोद तारे ने बताया कि इस प्लान में हमें नालों को बल्कि सीवरेज को टैप करना है'। यह प्लान तभी सफल होगा जब इस शहर के लोग व्यावहारिक होंगे। बोले, नदी से आर्थिक व्यवस्था कैसे सुधरेगी, इस विषय पर भी काम करेंगे। कार्यशाला में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग मनोज सिंह ने भी प्लान को लेकर सवाल पूछकर जानकारी ली। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि गंगा को साफ रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। एनआइयूए के सेक्टर कोआर्डिनेटर विक्टर आर शिंदे ने वैश्विक स्तर पर नदियों से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किए। कार्यशाला में आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रो.अभय करंदीकर, नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा, डीएफओ अरविंद यादव, अनिल सिंह, राघवेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।