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इंतजार 'बालिग' हुआ, कमजोर रह गया महाबलीपुरम

महाबलीपुरम में रहने वाले पांच हजार लोग 18 साल से विकास की राह देख रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 01:10 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 06:29 AM (IST)
इंतजार 'बालिग' हुआ, कमजोर रह गया महाबलीपुरम
इंतजार 'बालिग' हुआ, कमजोर रह गया महाबलीपुरम

जागरण संवाददाता, कानपुर : महाबलीपुरम में रहने वाले पांच हजार लोग 18 साल से विकास की राह देख रहे हैं। नगर निगम ने वर्ष 2001 में पनकी-कल्याणपुर में योजना विकसित कर विकास के सब्जबाग दिखाए थे। कागज में तो पेयजल, सीवर, सड़क, सामुदायिक केंद्र समेत कई सुविधाएं दिखाई गई हैं, लेकिन हकीकत में टूटे रास्ते, बंद संपवेल, बिना नाली के जल निकासी और चोक सीवरलाइन मिलेगी।

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नगर निगम ने कल्याणपुर में बेकार पड़ी हाटमिक्स प्लांट की जगह पर साढ़े छह सौ भूखंड की महाबलीपुरम योजना विकसित की थी। आवंटन के लिए दिए गए फॉर्म में आवासीय योजना का एक मॉडल बनाया गया जिसमें सभी जन सुविधाओं के साथ कॉलोनी के चारो तरफ बाउंड्रीवाल भी दर्शाई गई थी। निगम ने सब्जबाग दिखाकर भूखंड तो बेच दिए लेकिन योजना में दिखाई गई सुविधाएं आज तक कागजों से बाहर निकलकर हकीकत की जमीं पर नहीं उतरी। तब जो विकास कार्य हुए थे, वह भी अब जर्जर होने लगे हैं।

संपवेल हस्तांतरित ही नहीं

18 साल बाद भी पेयजल व सीवर लाइन नगर निगम ने जलकल को हस्तांतरित नहीं की है। संपवेल भी हस्तांतरित न होने से दिखावा बना हुआ है। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। संपवेल बंद रहने से क्षेत्र के नाले भरे पड़े है। सीवर लाइन ओवरफ्लो हो रही है और गंदा पानी प्लाटों में भर रहा है। आसपास के मकानों की नींव के लिए खतरा बढ़ गया है। वहीं पानी भरने से बढ़े मच्छरों से डेंगू, मलेरिया का प्रकोप फैलने का खतरा बढ़ गया है। बारिश में निकासी न होने से घरों में पानी भर जाता है। महापौर प्रमिला पांडेय ने पिछले दिनों यहां निरीक्षण कर समस्या दूर कराने का वादा किया था लेकिन हुआ कुछ नहीं।

ये समस्याएं भी बढ़ी

- खाली पड़ी जगह पर लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है।

- आवासीय योजना में कई चंट्टे खुल गए हैं, जो सीवरलाइन में गोबर डालकर डालकर उसे चोक कर रहे हैं।

- स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था का भी खतरा रहता है। जनता का दर्द -

लाखों रुपये का भूखंड खरीद कर अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। यहां सुविधाएं सिफर हैं।

- अरविंद राजपूत संपवेल बंद पड़ा है। सीवर लाइन चोक होने से गंदा पानी सड़कों व भूखंडों में भर गया है। मच्छरों के कारण सोना मुश्किल हो जाता है।

- अवधेश कटियार

टैक्स देने के बाद भी सीवर की सफाई खुद से करानी पड़ती है। सफाई भी रोज नहीं होती है।

- रमेश श्रीवास्तव

सीवर साफ कराया जाए। साथ ही फागिंग कराई जाए ताकि मच्छरों का आतंक खत्म हो। बंद लाइटें भी ठीक हों।

- मधु शुक्ला

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महाबलीपुरम योजना में जरूरी सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। हस्तांतरण क्यों नहीं हुआ, इसकी जानकारी जल्द ही संपवेल जलकल को हस्तांतरित कर देंगे।

- संतोष कुमार शर्मा, नगर आयुक्त संपवेल न चलने से क्षेत्र की सीवर लाइन चोक रहती है। जहां से शिकायत आती है, सफाई के लिए जेटिंग मशीन भेजते हैं। जहां समस्या अधिक है, वहां नियमित सफाई कराई जाती है।

- आरबी राजपूत, सचिव


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