नंदनकानन एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में मिला पांच साल का बच्चा, खुद का नाम बता रहा विराज
जेब में मिली एक पर्ची जिसमें लिखा था इसे इसके मामा के घर पहुंचा देना पूछताछ में बच्चे से भी नहीं मिल सकी जानकारी।
कानपुर, जेएनएन। चाइल्ड हेल्प लाइन से मिली सूचना के आधार पर रेलवे चाइल्ड लाइन ने शनिवार को नंदनकानन एक्सप्रेस से एक बच्चे को बरामद किया। बच्चे की जेब से एक पर्ची मिली है, जिसमें लिखा है वह अपने घर से भटक गया है। इसे इसके मामा के घर पहुंचा देना। परिस्थितियां संदेहास्पद हैं। चाइल्ड लाइन बच्चे के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।
चाइल्ड हेल्पलाइन के नंबर 1098 से शनिवार को एक सूचना रेलवे चाइल्ड लाइन को मिली, जिसमें बताया गया कि दिल्ली से आ रही नंदन कानन एक्सप्रेस के एस-10 कोच में एक पांच साल का बच्चा अकेले सफर कर रहा है। बच्चे के साथ कोई नहीं है। जैसे ही ट्रेन कानपुर पहुंची रेलवे चाइल्ड लाइन के सदस्य धमेंद्र ओझा, संगीता सचान आदि बच्चे से मिले। पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम विराज, पिता का नाम बबलू, मां का नाम नीतू बताया। वह यहां तक कैसे पहुंचा, उसकी जानकारी नहीं दे सका।
जब बच्चे के पैंट की जेब चेक गई तो उसमें एक पर्ची मिली। इसमें लिखा था कि बच्चे का नाम किशन उर्फ विराज है। बच्चा मुगलसराय से आगे भदौरा जो कि गहमर से पहले पड़ता है, का रहने वाला है। यहां इसके मामा अमित, अजीत व दीपक रहते हैं। बच्चा घर से भटक गया है, इसे इसके घर पहुंचा दें। अभी तक की जांच में यह गांव गाजीपुर जनपद में पता चला है। रेलवे चाइल्ड लाइन के धमेंद्र ओझा ने बताया कि परिजनों को सूचना देने की कोशिश की जा रही है।
शक पैदा करते सवाल
1-वह कौन है, जिसने बच्चे की जेब में यह पर्ची रखी।
2- अगर बच्चा भटक गया है तो पर्ची लिखने वाले को उसके नाम-पता की जानकारी कैसे हुई जबकि बच्चा खुद के बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है।
3- बच्चा गाजीपुर से दिल्ली कैसे पहुंचा और कानपुर के लिए ट्रेन पर उसे किसने बैठाया।
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