विधायक अशोक चंदेल के सरेंडर की चर्चाओं के बीच पुलिस ने भी बिछाया जाल
सामूहिक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा होने के गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें विधायक समेत नौ लोगों को तलाश रही हैं।
हमीरपुर, जेएनएन। 22 वर्ष पूर्व सामूहिक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा के बाद मुख्य अभियुक्त सदर विधायक अशोक सिंह चंदेल के कोर्ट में सरेंडर की चर्चाओं के बीच पुलिस ने भी जाल बिछाना शुरू कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीजेएम कोर्ट पुलिस को हत्याकांड के सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर चुकी है। इसी क्रम में पुलिस की तीन टीमें अभियुक्तों की तलाश कर रही हैं लेकिन अभी तक सभी प्रयास नाकाम साबित हुए हैं।
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22 वर्ष पूर्व मुख्यालय निवासी राजीव शुक्ला के भाइयों, भतीजे सहित पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उच्च न्यायालय ने सदर विधायक सहित नौ लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के तहत सोमवार को स्थानीय प्रभारी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा सभी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए थे। पुलिस को 13 मई तक सभी अभियुक्तों को अदालत में पेश करने के आदेश दिये गए हैं। बीते मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिले वारंट को सदर कोतवाली पुलिस ने विवेक नगर स्थित विधायक आवास पहुंचकर तामील कराया था। आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ था, वहां सिर्फ गार्ड मिला था। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं।
गिरफ्तारी न होने से पीडि़त पक्ष में रोष
सामूहिक हत्याकांड में उम्रकैद की सजा होने के बाद भाजपा विधायक अशोक चंदेल समेत नौ अभियुक्तों की अबतक गिरफ्तारी न होने से पीडि़त पक्ष में रोष है। अदालत द्वारा जारी वारंट के पांच दिन बीतने के बाद भी एक भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस के ढीले रवैये को दर्शा रहा है। वहीं सदर कोतवाल पीके सिंह का कहना है कि लगातार तीन दिन से विधायक आवास सहित अन्य अभियुक्तों के घरों में छापेमारी की जा रही है। आरोपितों के मिलते ही गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाएगा।
कोर्ट में विधायक के सरेंडर की चर्चाएं तेज
पुलिस द्वारा अबतक गिरफ्तारी न किए जाने से मुख्य अभियुक्त विधायक के सरेंडर को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। ऐसा कहा जा रहा है कि 13 मई को भाजपा विधायक हमीरपुर न्यायालय में सरेंडर कर सकते हैं। इस बात को लेकर पुलिस और प्रशासन भी खासा सतर्क हो गया है। वहीं पुलिस टीम ने सरेंडर से पहले अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो सदर विधायय के जिले की सीमा में प्रवेश करते ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर कोर्ट ले जाने की संभावना है।
रद किए जाएं विधायक के शस्त्र लाइसेंस
पीडि़त पक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र देकर अभियुक्त भाजपा विधायक आशोक सिंह चंदेल और एक सहयोगी के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। मामले के वादी राजीव शुक्ला ने जिलाधिकारी को पत्र देकर सदर विधायक व एक अन्य सजायाफ्ता रघुवीर सिंह के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की मांग की। उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा दी गई सजा का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सजायाफ्ता को शस्त्र लाइसेंस रखने का अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि विधायक के नाम रायफल, डबल बैरल के साथ ही एक रिवाल्वर का भी लाइसेंस है वहीं रघुवीर सिंह के नाम दो शस्त्र लाइसेंस हैं। हालांकि मामले के एक अन्य सजायाफ्ता आशुतोष सिंह उर्फ डब्बू सिंह के दो शस्त्र लाइसेंस जिलाधिकारी निरस्त कर चुके हैं। एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि सभी दोषियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
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