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शासन की अनदेखी से कट रही मरीजों की जेब

डफरिन अस्पताल में एक अप्रैल से नहीं हो रही हार्मोनल जांचें गर्भवती महंगी जांचें बाहर कराने के लिए हैं मजबूर

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 01:41 AM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 06:26 AM (IST)
शासन की अनदेखी से कट रही मरीजों की जेब
शासन की अनदेखी से कट रही मरीजों की जेब

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथिंग प्रोजेक्ट (यूपीएचएसएसपी) का तीन साल का कार्यकाल 31 मार्च को पूरा होते ही अस्पतालों में निश्शुल्क मिल रही महंगी पैथालॉजिकल जांचें भी ठप हो गई। चुनाव आचार संहिता लागू होने से नई व्यवस्था नहीं की जा सकी। अब मरीजों को बाहर ं महंगी जांचें बाहर करानी पड़ रही हैं। इसका खामियाजा गर्भवती को भी भुगतान पड़ रहा है।

डफरिन तथा उर्सला अस्पताल में मरीजों को रक्त, मूत्र, वीर्य एवं बलगम की जांच की सुविधा मुहैया कराने के लिए तीन साल पहले शासन ने निजी लैब से अनुबंध किया था। डफरिन अस्पताल में ज्ञान पैथालॉजी 173 प्रकार की तथा चंदन पैथालॉजी 200 प्रकार की जांच सुविधा मरीजों को मुहैया करा रहीं थीं। इन पैथालॉजी ने अपने कलेक्शन सेंटर भी खोल रखे थे।

डफरिन में गर्भवती के लिए 23 जांचें जरूरी

डफरिन अस्पताल में गर्भवती एवं महिलाओं के लिए हार्मोस प्रोफाइल, यूरीन कल्चर, बायोप्सी, पैप स्मेयर तथा कैंसर मार्क समेत 23 प्रकार की जांचें जरूरी हैं। गर्भधारण के बाद पहली बार चेकअप पर थायराइड स्क्रीनिंग जरूरी होती है। थायराइड बढ़ा होने पर हर महीने जांच कराई जाती है।

रोज 100-150 गर्भवती की जांच

डफरिन की ओपीडी में 100-150 नई गर्भवती रोज आती हैं। पहली बार उनकी टीएसएच, टी-3 और टी-4 जांच कराई जाती है। इसी तरह व्हाइट डिस्चार्ज पर पैप स्मेयर जांच, जो बच्चेदानी के मुख कैंसर के लिए जरूरी है। कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी तथा गर्भवती व प्रसूताओं पर दवाएं काम नहीं करने पर ब्लड तथा यूरीन कल्चर जांच कराई जाती है। सभी जांचें निश्शुल्क होती थीं, जो अब ठप हैं।

उर्सला में थायराइड व शुगर जांच ठप

उर्सला में 200 प्रकार की जांचें होती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हार्मोनल तथा तीन महीने के शुगर का स्तर पता लगाने को एचबीए1सी जांच होती है। यह जांच अधिकतर मरीजों को लिखी जाती हैं।

500-600 मरीजों की होती थीं जांच

उर्सला में रोज 500-600 मरीजों की थायराइड व शुगर जांच मुफ्त निजी लैब में होती थी। जांच बंद होने के बाद उर्सला पैथालॉजी में शुल्क लिया जा रहा है।

यह है वजह

डफरिन के प्रमुख अधीक्षक डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि शासन ने तीन साल पहले यूपीएचएसएसपी के तहत डफरिन अस्पताल में निजी लैब से अनुबंध किया गया था। उसका अनुबंध 31 मार्च को समाप्त होने से जांच की सुविधा खत्म हो गई। चुनाव आचार संहिता की वजह से आगे का अनुबंध नहीं हो सका है।

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उर्सला में पैथालॉजी में आधुनिक मशीनें हैं। हार्मोनल तथा शुगर की विशेष जांच शुरू करने के लिए जांच किट का प्रस्ताव भेजा है।

- डॉ. एससी वर्मा, प्रभारी, उर्सला पैथालॉजी।


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