इस होनहार छात्र की खोज देखकर दंग रह गए बड़े-बड़े वैज्ञानिक
दसवीं के छात्र ने बनाई कैंसर जांचने की डिवाइस व दवा। डिवाइस में मलेरिया और टायफायड की भी जांच हो सकती है।
By AbhishekEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 04:56 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 11:31 AM (IST)
कानपुर [जागरण स्पेशल]। उम्र महज 14 वर्ष, शिक्षारत हाईस्कूल में लेकिन सोच देश और समाज के लिए कुछ करने की। इस होनहार छात्र ने एक साल कड़ी मेहनत कर कैंसर जैसी बीमारी को जांच के लिए सस्ती डिवाइस की खोज कर दी है। इसके साथ ही आयुर्वेद और रासायनिक तत्वों को मिलाकर कैंसर की बीमारी पर विजय पाने का फार्मूला खोजकर राज्य स्तरीय बाल कांग्रेस में जगह बनाई है। गाजियाबाद में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में उसकी खोज ने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को दंग कर दिया। अब वह अपनी खोज का प्रदर्शन राष्ट्रीय बाल कांग्रेस में करेगा।
कानपुर शहर से सटे जिले फतेहपुर के सिविल लाइन पत्थर कटा चौराहे के पास रहने वाले राजेश कुमार शुक्ला-कंचन शुक्ला के होनहार पुत्र वैभव स्थानीय सेंट जेवियर्स स्कूल में कक्षा 10 के छात्र हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर शोध को लेकर लोगों को सहसा विश्वास नहीं हुआ तो डिबेट में दोबारा अपनी कुशाग्र बुद्धि का परिचय देकर उन्होंने जिले का नाम रोशन किया।
डिवाइस बताएगी कैंसर का स्टेज
वैभव ने बताया कि शोध में साथी आदित्य कुमार और शिखर चौधरी को शामिल कर वह ग्रुप लीडर बने। एक साल की अथक मेहनत के बल पर यह मुकाम पाया। इस दौरान सभी की सोच को तीन बार शोध में गुजारा। उसने बताया कि तीस रुपये की डिवाइस में नमूना रक्त से कैंसर प्लाज्मा निकालने को खराब सीडी, धागा, दो प्लास्टिक ट््यूब, ग्लायकोरेंट एसिड, कोनिकल फ्लास्क हैं।
इससे जांच से कैंसर की स्टेज तक का पता लगाया जा सकता है। उसने तीन तरह की मेडिसिन का फार्मूला आयुर्वेद एवं रसायन के मिश्रण से तैयार किया है। ये रासायनिक माध्यम के बनी दवाओं की अपेक्षा फेफड़ा, स्तन और ओरल कैंसर में जल्द कारगर होंगी। उन्होंने बताया कि डिवाइस से मलेरिया और टायफाइड की भी जांच की जा सकती है।
सस्ता इलाज मुहैया कराए सरकार
वैभव कहते हैं कि कैंसर का इलाज खासा महंगा है। इसके लिए उन्होंने सस्ता इलाज खोज निकाला है। उनकी मंशा है वह इसी तरह के शोध करेंगे और सरकार से अपेक्षा है कि वह ऐसे इलाज को सर्वसुलभ कराए ताकि जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके। गणित को पसंदीदा विषय बताने वाले इस छात्र के पास जीव विज्ञान विषय में दक्षता है।
कानपुर शहर से सटे जिले फतेहपुर के सिविल लाइन पत्थर कटा चौराहे के पास रहने वाले राजेश कुमार शुक्ला-कंचन शुक्ला के होनहार पुत्र वैभव स्थानीय सेंट जेवियर्स स्कूल में कक्षा 10 के छात्र हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर शोध को लेकर लोगों को सहसा विश्वास नहीं हुआ तो डिबेट में दोबारा अपनी कुशाग्र बुद्धि का परिचय देकर उन्होंने जिले का नाम रोशन किया।
डिवाइस बताएगी कैंसर का स्टेज
वैभव ने बताया कि शोध में साथी आदित्य कुमार और शिखर चौधरी को शामिल कर वह ग्रुप लीडर बने। एक साल की अथक मेहनत के बल पर यह मुकाम पाया। इस दौरान सभी की सोच को तीन बार शोध में गुजारा। उसने बताया कि तीस रुपये की डिवाइस में नमूना रक्त से कैंसर प्लाज्मा निकालने को खराब सीडी, धागा, दो प्लास्टिक ट््यूब, ग्लायकोरेंट एसिड, कोनिकल फ्लास्क हैं।
इससे जांच से कैंसर की स्टेज तक का पता लगाया जा सकता है। उसने तीन तरह की मेडिसिन का फार्मूला आयुर्वेद एवं रसायन के मिश्रण से तैयार किया है। ये रासायनिक माध्यम के बनी दवाओं की अपेक्षा फेफड़ा, स्तन और ओरल कैंसर में जल्द कारगर होंगी। उन्होंने बताया कि डिवाइस से मलेरिया और टायफाइड की भी जांच की जा सकती है।
सस्ता इलाज मुहैया कराए सरकार
वैभव कहते हैं कि कैंसर का इलाज खासा महंगा है। इसके लिए उन्होंने सस्ता इलाज खोज निकाला है। उनकी मंशा है वह इसी तरह के शोध करेंगे और सरकार से अपेक्षा है कि वह ऐसे इलाज को सर्वसुलभ कराए ताकि जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके। गणित को पसंदीदा विषय बताने वाले इस छात्र के पास जीव विज्ञान विषय में दक्षता है।
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