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कॉफी में मिलाई नींद की गोली, बेहोश होते मार डाला

जमीन के कमीशन के विवाद को लेकर चकेरी में जगदंबा ने प्रापर्टी डीलर रणविजय राजपूत की योजनाबद्ध तरीके से हत्या की थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 01:30 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 01:30 AM (IST)
कॉफी में मिलाई नींद की गोली, बेहोश होते मार डाला
कॉफी में मिलाई नींद की गोली, बेहोश होते मार डाला

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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जमीन के कमीशन के विवाद को लेकर चकेरी में जगदंबा ने प्रापर्टी डीलर रणविजय राजपूत की योजनाबद्ध तरीके से हत्या की थी। हत्या से पहले रणविजय की इच्छा के मुताबिक बर्गर खिलाया। फिर कॉफी मांगने पर नींद में गोली मिलाकर पिलाई। रणविजय के बेहोश होते ही उसके सिर पर ताबड़तोड़ लोहे की रॉड से वार किया। मरा समझ छोड़ा, लेकिन करीब दस मिनट बाद ही शरीर में हरकत होती दिखी। इस पर तकिया से मुंह दबाकर मार डाला। चीखपुकार बाहर न जाए, इसके लिए तेज आवाज में टीवी चला दी।

एसपी पूर्वी अनुराग आर्य ने प्रापर्टी डीलर की हत्या का खुलासा किया कि जगदंबा ने पड़ोस में रहने वाले संतोष वाल्मिकी से प्रेम विवाह करने पर अपनी बहन डॉली को भी मां व पिता संग मिलकर बेरहमी से मार डाला था। पुलिस ने हत्या में शामिल जगदंबा और चमन प्रकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं सहयोग देने में उसकी मां मुन्नी देवी, बहन विनीता व पत्नी आशा, पानू के भाई करन वर्मा व बहनोई रविकांत व चमन के फुफेरे भाई पप्पू को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। डॉली की हत्या का मामला सामने आने पर उसके प्रेमी संतोष की तरफ से मुकदमा लिखाया गया है। अभी तक डॉली की हत्या का आरोप संतोष पर था, जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

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आठ साल बाद खुला डॉली की हत्या का राज

आठ साल पहले (27 फरवरी 2010) को अचानक गायब हुई जगदंबा की बहन डॉली की हत्या का राज भी रणविजय की हत्या के खुलासे के साथ खुल गया। जगदंबा ने बताया कि बहन को गैर बिरादरी में शादी करने पर परिजन के साथ मिलकर मार डाला और घर में ही दफना दिया। उसके दो साल बाद सहदुल्लापुर निवासी फूफा रामअवध की मदद से शव को बाहर निकाल पूजापाठ कर गंगा में बहा दिया। पुलिस को घर की खोदाई में डॉली की चूड़ी, हड्डी, मोजे, प्लास्टिक की रस्सी मिली।

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बैंक की भी मिलीभगत की होगी जांच

जमीन की खरीद-फरोख्त व डीड के बहाने रणविजय को हत्यारोपितों ने यह कहकर घर बुलाया कि बैंक का कैंप लगा है। जहां पर गणेशपुर की जमीन का सौदा होना था। इसकी पावर ऑफ अटार्नी रणविजय के नौकर गुड्डू के नाम थी। पुलिस ने आरोपितों के बयान के आधार पर बैंक कैंप लगने वाले बिंदु को भी जांच में शामिल किया है।

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खुलासा करने वाली टीम

इंस्पेक्टर अजय सेठ, मनोज रघुवंशी व रणविजय सिंह, दारोगा त्रदीप सिंह, अमित मिश्र, अमरेंद्र बहादुर, राजकुमार रावत, भोलेंद्र चतुर्वेदी व शिवप्रकाश, सिपाही कौशल, प्रदीप, अवनेश, विनोद, पदमाकर, ज्योति व नीतू।


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