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जल निगम के काम घटिया, सीबीआइ जांच कराएं

भाजपा पार्षद और जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर के बीच हुई मारपीट का रुख अब गिरफ्तारी की मांग से बढ़कर सीबीआई जांच तक पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 12:29 PM (IST)
जल निगम के काम घटिया, सीबीआइ जांच कराएं
जल निगम के काम घटिया, सीबीआइ जांच कराएं

जागरण संवाददाता, कानपुर : भाजपा पार्षद और जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर के बीच हुई मारपीट का रुख अब गिरफ्तारी की मांग से बढ़कर सीबीआइ जांच तक पहुंच गया है। जल निगम के अधिकारियों ने बुधवार को नगर विकास मंत्री से मिलकर अपनी व्यथा कही तो भाजपा पार्षदों ने सांसद और महापौर की अगुवाई में नगर विकास मंत्री से ही जल निगम के कामों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सीबीआइ जांच की मांग कर डाली है। पार्षदों ने 11 साल पुरानी जेएनएनयूआरएम परियोजना में 853 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी चालू होने का मुद्दा उठाया और घटिया कामों की फोटो दिखाई। नगर विकास मंत्री ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया। साथ ही परियोजना प्रबंधक आरके यादव को हटाने की मांग पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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बुधवार को महापौर प्रमिला पांडेय और सांसद देवेन्द्र सिंह भोले के नेतृत्व में उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी, दक्षिण जिलाध्यक्ष अनिता गुप्ता, सदस्य विधान परिषद अरुण पाठक, पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया, पार्षद दल के उपनेता महेन्द्र शुक्ल के साथ काफी संख्या में भाजपा पार्षद नगर विकास मंत्री से लखनऊ में मिले।

उन्होंने बताया कि लोअर गंगा कैनाल में आठ साल पहले पड़ी पाइप में लगातार लीकेज हो रहे हैं। जल निगम के अफसर कहने के बाद भी ठीक नहीं करा रहे हैं। अरबों के काम में भ्रष्टाचार के आरोप और सीबीआइ जांच की मांग पर नगर विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री से स्वीकृति लिए जाने का आश्वासन दिया। हालांकि यह भी कहा कि प्रक्रिया लंबी है, विभागीय जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम जल्द गठित कर दी जाएगी। अफसर दोषी होंगे तो बख्शा नहीं जाएगा। महापौर ने खुद को कमेटी में शामिल करने की मांग की ताकि जांच में दिक्कत न आए। पार्षद औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से भी मिले और क्षेत्र में दो-दो हैंडपंप लगाने की मांग की।

पार्षदों को अनुशासन की घुंट्टी

नगर विकास मंत्री ने पार्षदों को अनुशासन की घुंट्टी भी पिलाई। पार्षदों के मारपीट करने व धरना देने को लेकर साफ कहा कि अनुशासन में रहकर काम करिए। किसी अफसर से परेशानी है तो महापौर और पदाधिकारियों को बताएं।

जल निगम अभियंता एसएसपी से मिले

जल निगम के अभियंता एसएसपी अखिलेश कुमार से मिले। उन्होंने कहा कि उन पर गलत मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले की जांच करने के बाद ही कदम उठाया जाए। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।


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