थमेगा प्रदूषण, रुकेगी गंगा की कटान,पेड़ देंगे सेहत का वरदान
आसपास हरियाली आंखों और दिल को बड़ा सुकून देती है। पेड़ हमें आक्सीजन रूपी जीवन देते हैं बल्कि कई ऐसे पौधे भी हैं, जो हमारी सेहत का भी ख्याल रखते हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : आसपास हरियाली आंखों और दिल को बड़ा सुकून देती है। पेड़ हमें आक्सीजन रूपी जीवन देते हैं बल्कि कई ऐसे पौधे भी हैं, जो हमारी सेहत का भी ख्याल रखते हैं। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल गंगा हरीतिमा अभियान के तहत गंगा किनारे गांवों में वन विभाग ऐसे ही पौधे रोपने की तैयारी कर रहा है। यह पेड़ प्रदूषण और गंगा की कटान रोकने के साथ ही हमें सेहत का वरदान भी देंगे। आइए, सीएसए के कृषि वानिकी विभाग के प्रो.मुनीश कुमार से जानते हैं ऐसे पौधों की महत्ता..
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इमली : औषधीय वृक्ष है। खटाई-मिठाई, दवा के रूप में यह काम आती है। इसकी पत्तियों का उपयोग डीकंपोजीशन में होता है। इसके अलावा इसे लगाने से भूमि में जीवांश की मात्रा बढ़ जाती है, जो भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ा देती है।
अर्जुन : इस पौधे को लगाने से खेतों की फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। इस पौधे को ज्यादा से ज्यादा लगाना चाहिए। गंगा व अन्य नदियों के किनारे यह भूमि के कटाव को रोकता है। अर्जुन की छाल के इस्तेमाल से रक्त पतला होता है।
जामुन : यह फलदार पौधा होता है। जलीय भूमि के किनारे यह पौधा लगाया जाता है और पानी की मात्रा बनाए रखता है। किसानों को इससे आय होती है, इसलिए यह पौधा भी अधिक लगाना चाहिए। इससे छाया भी मिलती है। जामुन के औषधीय गुण भी काफी हैं।
पीपल : पर्यावरण सहेजने में अहम भूमिका निभाता है। रात में भी ऑक्सीजन मुक्त करता है। पीपल के पत्ते प्रदूषण को बढ़ने से रोकते हैं। यह ध्वनि ंप्रदूषण भी रोकता है। भू-जल के भारी तत्व अवशोषित कर लेता है।
पाकड़ : इसकी जड़ें फैली हुई होती हैं। यह नदियों की कटान रोकने में बहुत मददगार होता है। साथ ही इसे एक बेहतर छायादार पौधा कहा जाता है।
विलो : इस पेड़ से क्रिकेट खेलने वाला बैट यानी बल्ला बनता है। यह पौधा वहां लगाया जाता है, जहां पानी की अधिकता होती है या वर्ष भर जहां पानी की मात्रा भरपूर बनी रहती है।