सीएसए में बनेगा एग्रो गैस प्लांट, चलेंगे वाहन
जागरण संवाददाता, कानपुर : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में चलने वाले
जागरण संवाददाता, कानपुर : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में चलने वाले वाहन जल्द ही बायो सीएनजी से दौड़ेंगे। विश्वविद्यालय में एग्रो गैस प्लांट स्थापित किए जाने के लिए बुधवार को कुलपति प्रो. सुशील सोलोमन व ट्रायोकेम के प्रबंध निदेशक नितिन देशपांडे के बीच करार हुआ। यह प्रदेश का पहला बायो सीएनजी देने वाला प्लांट होगा। इस प्लांट में विश्वविद्यालय के अलावा शहर में रोजाना निकलने वाले 25 टन फूड वेस्ट से एक टन गैस व 15 टन ग्रीन कोल तैयार होगा।
इस प्लांट को स्थापित करने के लिए सीएसए ने अपनी संस्तुति करके शासन के पास भेज दी है। शुरुआती दौर में विवि परिसर में एग्रो गैस का पायलट प्लांट लगाया जाएगा जो 24 घंटे में एक टन बायो गैस का उत्पादन करेगा। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। विवि के छात्रावास, कैंटीन, मेस व शिक्षक-कर्मचारी क्वार्टर से निकलने वाले बायोवेस्ट के अलावा कैंपस के बेकार पड़ी जैविक चीजों का इस्तेमाल करके इसका प्रयोग किया जाएगा। कैंपस से भी रोजाना भारी मात्रा में फूड वेस्ट निकलता है। यह प्रयोग सफल होने के बाद प्लांट बड़ा किए जाने की योजना है जिससे पांच से 20 टन रोजाना बायो गैस का उत्पादन किया जाएगा।
बायो कंपोस्टिंग प्रोजेक्ट के लिए सीएसए बना नोडल एजेंसी :
नितिन देशपांडे ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बायो कंपोस्टिंग प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसकी नोडल एजेंसी सीएसए को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सीएनजी की तुलना में बायो सीएनजी सस्ती होगी। इसकी कीमत 22 से 25 रुपये किलो होगी।
सौर ऊर्जा से रोशन होगी डेयरी :
सीएसए में वर्षो से बदहाल पड़ी डेयरी को दुरुस्त करने का जिम्मा ट्रायोकेम ने लिया है। इसे सौर ऊर्जा के जरिए रोशन किया जाएगा। इसके अलावा अच्छी नस्ल की गाय के रखरखाव की योजना भी बनाई जाएगी। अमूल डेयरी के साथ भी करार किया जा रहा है।
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विश्वविद्यालय को सौ फीसद ग्रीन परिसर व पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए यह पहल की गई है। बायो सीएनजी से विश्वविद्यालय से जुड़े वाहन चलेंगे।
-प्रो. सुशील सोलोमन, कुलपति सीएसए