भागवत सिर्फ कथा नहीं बल्कि औषधि
जागरण संवाददाता, कानपुर : भागवत एकमात्र ऐसा पुराण है जिसके नाम के आगे श्रीमद् आता है। श्रीमद् भागवत
जागरण संवाददाता, कानपुर : भागवत एकमात्र ऐसा पुराण है जिसके नाम के आगे श्रीमद् आता है। श्रीमद् भागवत केवल कथा ही नहीं बल्कि औषधि व रसायन भी है जिसका श्रवण रोग को मिटाने में सक्षम है। यह विचार भागवत महापुराण कथा के महत्व के बारे में बताते हुए संत चिन्मयानन्द बापू ने व्यक्त किए। मौका था गुजैनी जे ब्लाक स्थित रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पहले दिन का।
शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रारंभ हुई कथा में संत चिन्मयानंद बापू ने कहा कि भागवतामृत ऐसा है जो अमरत्व नहीं देता बल्कि अभयत्व देता है, यह निर्भय करने के साथ ही अभयत्व कर देता है। भागवत का आश्रय लेने वाला भयमुक्त हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा से बढ़कर मन शुद्धि का कोई उपाय नहीं है। भक्त कथा एवं भजन श्रवण कर झूम उठे। कथा प्रारंभ होने से पहले काशी से आए पं.रमेशचंद्र शास्त्री ने विष्णु सहस्त्रनाम महायज्ञ का प्रारंभ पंचांग पूजन कर किया। इस दौरान स्वामी बालकानंद, रामगोपाल द्विवेदी, विनोद मिश्र, अशोक शुक्ला, बाबू यादव आदि उपस्थित रहे।