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शुद्ध वर्तनी व अपनी भाषा में लिखें उत्तर

कानपुर, जागरण संवाददाता: यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट हिंदी (सामान्य व साहित्यिक) परीक्षा में भी मेधावी

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 06:59 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 06:59 PM (IST)
शुद्ध वर्तनी व अपनी भाषा में लिखें उत्तर

कानपुर, जागरण संवाददाता: यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट हिंदी (सामान्य व साहित्यिक) परीक्षा में भी मेधावी 90 फीसद से अधिक तक अंक अर्जित करने लगे हैं। जरूरत है पूरा पाठ्यक्रम तैयार करके उत्तरों को अपनी भाषा में, शुद्ध वर्तनी के साथ संतुलित व सटीक तरीके से स्वच्छता के साथ प्रस्तुत करने की। प्रस्तुति ऐसी कि कोई प्रश्न छूटने न पाए।

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यह सीख जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रवक्ता विवेकानंद श्रीवास्तव ंऔर जीएन ब्वायज इंटर कालेज के प्रवक्ता अखिलेश शुक्ला की है। साहित्यक हिंदी की परीक्षा सिर्फ कला वर्ग के परीक्षार्थियों को देनी होती है। विज्ञान, वाणिज्य व व्यावसायिक शिक्षा वर्ग के परीक्षार्थियों को सामान्य हिंदी की परीक्षा देनी होगी। सभी की राजकीय प्रकाशन की समान पुस्तकें हैं। सामान्य हिंदी के छात्रों को उनमें दिए कुछ पाठ नहीं पढ़ने हैं।

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पाठ्यक्रम व प्रश्नपत्र

दो प्रश्नपत्रों (50-50 अंक) की परीक्षा होगी। वस्तुनिष्ठ, लघु उत्तरीय व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आएंगे। सामान्य हिंदी के विद्यार्थियों को 'गद्य गरिमा' के भारतीय साहित्य की विशेषताएं, आनंद की खोज पागल पथिक, भाग्य व पुरुषार्थ तथा सन्नाटा, 'काव्यांजलि' के दोनों भागों की विविधा, जायसी, केशवदास व सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कोर्स में नहीं हैं। 'संस्कृत दिग्दर्शिका' के शास्त्राण्यधीत्यापि भवंति मूर्खा, भोजस्योदार्यम, आत्मज्ञ एव सर्वज्ञ, ऋतु वर्णनम्, नृपति दिलीप:, महर्षि दयानंद: व दूत वाक्यम पाठों को नहीं पढ़ना है।

तैयारी के उपयोगी टिप्स

- लिख कर पढ़ें, पढ़ कर लिखें की नीति से करें तैयारी।

-दोनों प्रश्नपत्रों का प्रारूप अच्छी तरह से समझ मॉडल पेपर हल करें।

-लेखकों व कवियों के नाम की अलग से सूची बनाकर दोहराएं।

- गद्य व पद्य साहित्य के विकास के कालों को चार्ट बनाकर दोहराएं।

-संस्कृत पाठों में व्याकरण व वर्तनी के शुद्ध उपयोग का अभ्यास करें।

-सहायक पुस्तकों (राजमुकुट, मुक्ति यज्ञ व कथा भारती) के प्रश्नों को कोटेशन समेत तैयार करें।

- व्याकरण संबंधी प्रश्नों की उपेक्षा न करें। इनके उत्तर सही होने से पूरे अंक मिलते हैं।

- निबंध रटें नहीं, विषयवस्तु की जानकारी कर अपनी भाषा में लिखें।

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महत्वपूर्ण :

वैसे तो पूरा पाठ्यक्रम तैयार करना उचित होगा परंतु पद्य में कबीर, सूर तुलसी, महादेवी वर्मा, प्रसाद, रत्नाकर, मैथिलीशरण गुप्त, जबकि गद्य में डॉ. संपूर्णानंद, महावीर प्रसाद द्विवेदी, पूर्ण सिंह, रामवृक्ष बेनीपुरी, हजारी प्रसाद द्विवेदी को विशेषरूप तैयार करें। निबंध में भारत में आतंकवाद, भ्रष्टाचार, व पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े विषयों की विषयवस्तु अच्छी तरह तैयार कर लें।

सावधानियां :

- वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर यथासंभव एक साथ दें। बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर में संख्या के साथ पूरा विकल्प भी लिखें।

- सभी प्रश्नों का उत्तर उतना ही लिखें जितना पूछा गया हो।

- हेडिंग, कोटेशन, उदाहरण काली स्याही अथवा मोटे पेन से लिखें।

- निबंध की अच्छी सी रूपरेखा बना कर ही लिखें।


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