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इस पुल को बनने में लग गए 11 साल, कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था निर्माण Kanpur News

कानपुर के बहुप्रतीक्षित सीओडी पुल पर नवंबर माह से दोनों तरफ से यातायात चालू होने की उम्मीद जागी।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 04:07 PM (IST)
इस पुल को बनने में लग गए 11 साल, कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था निर्माण Kanpur News
इस पुल को बनने में लग गए 11 साल, कांग्रेस सरकार में शुरू हुआ था निर्माण Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर का बहुप्रतीक्षित सीओडी क्रासिंग का पुल निर्माण का कार्य अब अंतिम चरण पर है। पुल की दूसरी लेन का आखिरी गार्डर रखने के बाद कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। मंगलवार को सांसद ने पुल निर्माण का जायजा लेकर नवंबर माह से दोनों तरफ का यातायात चालू होने की उम्मीद जताई है। सबसे हैरानी की बात ये है कि इस पुल को बनने में पूरे 11 साल लगे हैं।

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यह है पुल निर्माण की दास्तां

वैसे तो शहर में कई आरओबी प्रस्तावित थे लेकिन जीटी रोड पर सीओडी क्रासिंग के ओवरब्रिज के निर्माण को प्राथमिकता पर रखा गया था। इसके चलते कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल की पहल पर वर्ष 2018 में इस पुल का निर्माण शुरू कराया गया था। लेकिन, कुछ माह में ही काम रुक गया था। समय ज्यादा बीत जाने के चलते पुल की लागत बढ़ी तो निर्माणी कंपनी ने भी हाथ पीछे खींच लिए थे। इसके बाद पुल निर्माण का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया था। क्रासिंग के दोनों छोर अधूरा पुल आवागम में समस्या बना था।

कई निर्माणी कंपनियां बदलीं

सीओडी पुल निर्माण में कई निर्माणी कंपनियों का योगदान रहा। हर बार टेंडर हुआ और कुछ निर्माण कराने के बाद कंपनियां हाथ पीछे खींचती रहीं। इसकी मुख्य वजह हर बार लागत का बढ़ जाना रही। शुरुआत में हैदराबाद की विश्वा इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ठेका दिया गया था लेकिन मानक और समय पर काम न करने पर पीडब्ल्यूडी (एनएच) ने नवंबर 2012 में कंपनी से काम छीन लिया था। इस रेल ओवरब्रिज के निर्माण में कई कंपनी बीच में भाग भी गईं। कुछ माह पहले ही एक और कंपनी पर लापरवाही करने में कार्रवाई की गई।

राजनीति का भी हिस्सा बना रहा पुल

अति व्यस्त क्रासिंग पर पुल न बन पाना राजनीति का भी हिस्सा बना। हर बार सीओडी पुल को मुद्दा बनाकर नेता भी अपनी सियासत को चमकाते रहे। पुल के डिजाइन में टाट मिल की ओर 350 मीटर तथा रामादेवी की ओर 400 मीटर लंबाई थी। इसमें क्रासिंग के ऊपर रेलवे का 25 मीटर हिस्सा है। फोरलेन इस पुल के लिए 165 पिलर बनाए जाने थे।

सांसद ने लिया पुल निर्माण का जायजा

मंगलवार को सांसद सत्यदेव पचौरी ने स्थलीय निरीक्षण करके लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी ओझा से पुल निर्माण की प्रगति का जायजा लिया। अधिशासी अभियंता ने एक सप्ताह के अंदर कार्य पूरा होने की बात कही। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त तक बकाया दो स्लैब ढल जाने और दोनों लेन के बीच आरसीसी दीवार और सेफ्टीवॉल तैयार कराने के बाद पुल पर ट्रायल किया जायेगा। सांसद ने नवंबर माह से पुल पर आवागमन शुरू होने की उम्मीद जताते हुए लेटलतीफी पर ठेकेदार का भुगतान रोकने की चेतावनी दी।

एक साल पहले चालू हो गई थी एक लेन

पांच फरवरी 2018 को पुल की एक लेन का कार्य पूरा करने के बाद ट्रैफिक को शुरू किया जा सका था। इस एक लेन पर दोनों तरफ का यातायात संचालन होने से पिछले डेढ़ वर्ष में कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही काम पूरा कर नवंबर माह तक दूसरी लेन को भी शुरू किया जा सकेगा।

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