एचबीटीयू के सौवें वर्ष में खाली रह गईं 104 सीट, तीन बार काउंसलिंग काराना भी नहीं आया काम
एचबीटीयू में पिछले वर्ष तक बीटेक की 735 सीटें होती थीं। छात्रों का रुझान देख इस शैक्षिक सत्र में विवि की ओर से विभिन्न कोर्स में 140 सीटें बढ़ाई गई थीं लेकिन एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई तो 104 सीटें खाली रह गईं।
कानपुर, (चंद्र प्रकाश गुप्ता)। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) का शताब्दी वर्ष चल रहा है। कुछ समय पहले ही विवि के शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द भी आए थे। संस्थान की उपलब्धियों पर चर्चा हुई और विशेषज्ञों ने इसे विश्व पटल पर ले जाने के बाबत मंथन भी किया, लेकिन जानकर हैरानी होगी कि इसी वर्ष संस्थान में 104 सीटें खाली रह गईं। इन सीटों पर छात्रों ने प्रवेश ही नहीं लिया, जबकि तीन बार काउंसलिंग कराई गई।
एचबीटीयू में पिछले वर्ष तक बीटेक की 735 सीटें होती थीं। छात्रों का रुझान देख इस शैक्षिक सत्र में विवि की ओर से विभिन्न कोर्स में 140 सीटें बढ़ाई गई थीं, लेकिन एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई तो 104 सीटें खाली रह गईं। 30 नवंबर को स्पाट काउंसलिंग में भी अपेक्षानुसार छात्र-छात्राएं एडमिशन लेने नहीं पहुंचे। विवि प्रशासन के मुताबिक जिन कोर्सों में विद्यार्थियों ने दिलचस्पी कम दिखाई, उनमें बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, फूड टेक्नोलाजी व लेदर टेक्नोलाजी शामिल हैं। बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की 60 में से 35 सीटें खाली हैं तो फूड टेक्नोलाजी की 60 में से 37 सीटें। लेदर टेक्नोलाजी में तो 30 सीटों में से 24 सीटें खाली रह गई हैं, यानी कि केवल छह विद्यार्थियों ने ही रुझान दिखाया। इसके अलावा आयल टेक्नोलाजी में पांच सीटों पर भी प्रवेश नहीं हुए।
विवि सूत्रों के मुताबिक संस्थान में इन कोर्सों की खस्ता हालत के पीछे स्टाफ की कमी को जिम्मेदार माना जा रहा है। ज्यादातर कोर्स अतिथि प्रवक्ताओं के भरोसे चल रहे हैं। फूड टेक्नोलाजी और लेदर टेक्नोलाजी पढ़ाने के लिए महज चार-चार शिक्षक हैं और बायो केमिकल इंजीनियरिंग पढ़ाने के लिए छह शिक्षक। यही नहीं संस्थान से इन कोर्सों में प्लेसमेंट भी कम है।
बोले जिम्मेदार: सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रवेश के लिए 30 नवंबर आखिरी तिथि तय की गई थी। थोड़ा वक्त और मिलता तो सीटें भर जातीं। संस्थान में शिक्षकों के रिक्त पदों को पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। आगामी एकेडमिक काउंसिल की बैठक में भी चर्चा होगी और इन कोर्सों को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। - प्रो. समशेर, कुलपति, एचबीटीयू