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गंगा के एक किमी का दायरा होगा प्लास्टिक मुक्त जोन

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा के एक किमी के दायरे को प्लास्टिक मुक्त जोन घोषित किया जाएगा। विश्व पर

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 12:03 PM (IST)
गंगा के एक किमी का दायरा होगा प्लास्टिक मुक्त जोन
गंगा के एक किमी का दायरा होगा प्लास्टिक मुक्त जोन

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा के एक किमी के दायरे को प्लास्टिक मुक्त जोन घोषित किया जाएगा। विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर आएंगे और प्लास्टिक व पालीथीन मुक्त जोन की घोषणा करेंगे। निर्धारित क्षेत्र में प्लास्टिक की बिक्री न हो इसके लिए व्यापक अभियान चलेगा। अगर प्लास्टिक के पानी की बोतल, गिलास, पालीथीन आदि की बिक्री करते कोई मिलेगा तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। ये बातें डीएम सुरेंद्र सिंह ने कलेक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक में कहीं। डीएम ने कहा कि समारोह स्थल का चयन जल्द होगा। फिलहाल जागरूकता के कार्यक्रम शुरू किए जाएं। एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय चौहान, एसडीएम बिल्हौर विनीत सिंह आदि रहे।

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पांच से 50 हजार तक जुर्माना

नगर निगम के जोनल अफसर, एसीएम या एसडीएम, एसओ की टीम बनेगी जो अपने अपने क्षेत्र में दुकानों की जांच कर जुर्माना वसूलेगी। डीएम ने कहा, यदि कोई भी दुकानदार गंगा के किनारे पालीथीन, प्लास्टिक के सामान की बिक्री करेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। उससे पांच हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा।

पालीथीन भरे दूध से अभिषेक न करें

डीएम ने कहा कि तमाम भक्त गंगा तट पर स्थित शिवालयों में पालीथीन में भरे दूध से अभिषेक करते हैं। गंगा जी का भी पैकेट के साथ ही दूध से करते हैं और फिर पैकेट को वहीं फेंक देते हैं। ये स्थिति ठीक नहीं है। भक्तों को गिलास या लोटा में दूध भर कर अभिषेक करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसमें मंदिर के पुजारियों और घाटों पर मौजूद पुरोहितों की मदद ली जाए। गंगा प्रहरी भी तैनात किए जा सकते हैं। सभी को ये बताना है कि प्लास्टिक के गिलास तथा पॉलीथिन हमारे वातावरण को दूषित कर रहे हैं। डीएम ने नगर निगम के अफसरों से कहा, वे घाटों पर डस्टबिन रखें ताकि लोग फूल व अन्य सामग्री उसमें डालें।

प्रतिबंधित पालीथीन की बिक्री भी रोकेंगे

डीएम ने कहा कि सभी मजिस्ट्रेट अपने अपने क्षेत्रों में 40 माइक्रॉन से कम वाली पालीथीन किसी भी स्थिति में अन्य बाजारों में भी न बेचने दें। फैक्ट्रियों में छापेमारी करें ताकि वहां उत्पादन ही न हो सके। कारोबारियों को 40 माइक्रॉन से कम की पालीथीन बिक्री और उसमें सामान न देने को जागरूक करें। पर्यावरण जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक, स्कूल कालेजों में जागरूकता अभियान, मैराथन दौड़ आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

इसलिए पड़ी जरूरत

लोग गंगा में पानी की बोतल, गिलास, पालीथीन फेंक देते हैं। इससे गंगा प्रदूषित हो रही हैं। वाराणसी में इस पर रोक लग चुकी है, अब यहां पांच जून को रोक लगेगी।


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