मनोचिकित्सक का प्रशिक्षण लेंगे दो डॉक्टर
एनेस्थेटिस्ट डॉ. रवींद्र कुमार ने सीएमएस डॉ. राजेंद्र प्रसाद शाक्य को प्रार्थना पत्र दिया जिसमें प्रशिक्षण में न भेजने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी हरदोई जनपद के बिलग्राम कस्बे में आयुष चिकित्सक हैं और बीमार रहतीं हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने प्रशिक्षण में किसी अन्य चिकित्सक को भेजने का अनुरोध किया है। सीएमएस ने बताया कि उनके पास एक एनेस्थिस्ट डॉ. रंजीत सिंह रंधावा पहले से हैं। ऐसी स्थिति में किसी अन्य चिकित्सक को नहीं भेजा जाएगा।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देश पर जिला अस्पताल के दो डॉक्टर मनोचिकित्सक का प्रशिक्षण लेने लखनऊ जाएंगे। हालांकि शासन के निर्देश पर मन कक्ष तो खोल दिया गया है, लेकिन मनोचिकित्सक न होने से रोगियों को भटकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में एनएचएम ने दो जिला अस्पताल के ही दो चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में एक माह पहले मनोरोगियों के लिए मन कक्ष खोल दिया गया था, लेकिन यहां कोई मनोचिकित्सक न होने से रोगियों को कोई परामर्श नहीं मिल पा रहा था। सीएमएस ने इसकी रिपोर्ट जब शासन को भेजी तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पताल के ही दो डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनाई है। विदित हो कि मनोचिकित्सकों की कमी तो पूरे प्रदेश में चल रही है। सीएमएस ने जिला अस्पताल से ईएनटी सर्जन डॉ. नरेश चंद्रा व एनेस्थेटिस्ट डॉ. रवींद्र कुमार का नाम भेज दिया। उन्होंने बताया कि दोनों चिकित्सकों को 15 अप्रैल से 15 मई तक किग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ में मनोविज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद दोनों डॉक्टरों की ड्यूटी मन कक्ष में लगाई जाएगी। डॉ. रवींद्र ने जताई असमर्थता
एनेस्थेटिस्ट डॉ. रवींद्र कुमार ने सीएमएस डॉ. राजेंद्र प्रसाद शाक्य को प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें प्रशिक्षण में न भेजने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी हरदोई जनपद के बिलग्राम कस्बे में आयुष चिकित्सक हैं और बीमार रहतीं हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने प्रशिक्षण में किसी अन्य चिकित्सक को भेजने का अनुरोध किया है। सीएमएस ने बताया कि उनके पास एक एनेस्थिस्ट डॉ. रंजीत सिंह रंधावा पहले से हैं। ऐसी स्थिति में किसी अन्य चिकित्सक को नहीं भेजा जाएगा।