कालरात्रि की उपासना कर अकाल मृत्यु हरण की कामना
जागरण संवाददाता कन्नौज आदिशक्ति दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की भक्तों ने उपासना कर
जागरण संवाददाता, कन्नौज: आदिशक्ति दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की भक्तों ने उपासना कर अकाल मृत्यु हरण की कामना की। सभी शक्तियों में प्रभावशाली होने के कारण भक्तों ने कोरोना संकट से निजात दिलाए जाने की प्रार्थना की। भक्तों ने घरों में माता की चौकी के पास हवन किया तथा लोककल्याण की कामना की।
सोमवार को नवरात्र के सातवें दिन माता के उपासकों ने देवी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। आचार्य सुरेशचंद्र द्विवेदी 'दीपक' ने बताया कि मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अत: इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है। मां कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करने से अकाल मृत्यु का हरण होता है।
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सिद्धपीठ मां फूलमती मंदिर में हुआ फूलों ने श्रृंगार
सोमवार को शहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर में मातारानी का फूलों से श्रृंगार किया गया तथा मां के सामने 51 अखंड ज्योति जलाई गई। इसके बाद महाआरती का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारी शिखर मिश्रा ने बताया कि माता फूलमती देवी का प्रतिदिन श्रृंगार किया जाता है। इस बार नवरात्र में कोविड संक्रमण के कारण आमजन को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। प्रतिदिन भक्तों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से दर्शन कराए जा रहे हैं।