Move to Jagran APP

..जब सांप-बिच्छू आ गए अंग्रेजों से मोर्चा लेने

वहां अंग्रेजों ने उनको पकड़ लिया। इसके बाद कालापानी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद अंग्रेजों ने ठठिया में खूब कहर ढाया। तोपों से गोले दागकर राजा की गढ़ी उड़ा दी गई। लोगों के साथ लूटपाट कर उनकी हत्या कर दी गई। किले का मुख्य गेट आज भी आधा ध्वस्त खड़ा होकर अंग्रेजी हुकूमत के बर्बरता की कहानी बयां कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 06:27 AM (IST)
..जब सांप-बिच्छू आ गए अंग्रेजों से मोर्चा लेने
..जब सांप-बिच्छू आ गए अंग्रेजों से मोर्चा लेने

प्रशांत कुमार, कन्नौज

loksabha election banner

देश के क्रांतिकारियों और शूरवीरों ने तो अंग्रेजों को धूल चटाई ही, जीव-जंतु भी उन्हें खदेड़ने में पीछे नहीं रहे। पराक्रमी राजा पोहकर सिंह को पकड़ने में नाकाम अंग्रेजों ने शिव मंदिर तोड़ना शुरू किया तो सांप-बिच्छू हमलावर हो गए और ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया।

ठठिया के पराक्रमी राजा पोहकर सिंह वीर होने के साथ ही आध्यात्मिक भी थे। उन्होंने कई शिव मंदिरों का निर्माण कराया। इसी में एक था इंदेश्वर नाथ मंदिर। राजा को अंग्रेज गिरफ्तार करना चाहते थे लेकिन पकड़ नहीं सके तो उन्होंने मंदिर तोड़ने शुरू कर दिए।

अंग्रेजी सेना ने इंदेश्वर नाथ मंदिर पर तोप के गोले दागे, जिससे मंदिर की छत गिर गई, मगर शिवलिग जस का तस रहा। अंग्रेजों ने उसे तोड़ने के लिए कई बार गोले दागे, मगर शिवलिंग तोड़ने में नाकाम रहे। इस पर अंग्रेजों ने सेना को शिवलिंग उखाड़ने का आदेश दे दिया। अंग्रेजी सेना ने शिवलिग खोदना शुरू किया तो जमीन से लाखों बर्र, सांप-बिच्छू निकल पड़े। उनके आक्रमण के आगे अंग्रेजी सेना को घुटने टेक दिए और भाग खड़ी हुई। साहित्यकार रमेशचंद्र तिवारी विराम बताते हैं कि इस हमले के बाद अंग्रेजी सेना राजा पोहकर सिंह के बाबा राजा छत्रपाल सिंह के कार्यकाल में बने छतेश्वर नाथ मंदिर पर आक्रमण की हिम्मत नहीं जुटा सकी।

----------

गद्दारी के कारण पकड़े गए राजा

राजा पोहकर सिंह ने ठठिया के किले में अंग्रेजी सेना को घुसने नहीं दिया। हालांकि बाद में अपनों की ही गद्दारी के कारण राजा को यहां से हरदोई जाना पड़ा। वहां अंग्रेजों ने उनको पकड़ लिया। उन्हें काला पानी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद अंग्रेजों ने ठठिया में खूब कहर ढाया। तोप से राजा की गढ़ी उड़ा दी गई। लूटपाट कर बड़ी संख्या में लोगों की हत्या कर दी गई।

गोरों की बर्बरता की कहानी बताता मुख्य द्वार

किले का आधा ध्वस्त मुख्य द्वार आज भी अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता की कहानी बयां कर रहा है। इसे देखने के लिए खासी भीड़ होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.