Move to Jagran APP

जोरदार उद्घाटन और फोटो सेशन के बाद आयुष्मान ठप

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गरीबों के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना यहां पर परवान

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 06:19 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 06:19 PM (IST)
जोरदार उद्घाटन और फोटो सेशन के बाद आयुष्मान ठप
जोरदार उद्घाटन और फोटो सेशन के बाद आयुष्मान ठप

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गरीबों के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना यहां पर परवान चढ़ते नहीं दिख रही है। दो दिन पूर्व ताम-झाम के साथ हुए उद्घाटन और नेतओं व अधिकारियों के फोटोशूट के बाद योजना फुस्स हो गई। हालत यह है कि जनपद के कुल चिह्नित 1.27 लाख में से मात्र नौ को ही गोल्डन कार्ड मिल सके हैं।

loksabha election banner

आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये का बीमा सरकार ने किया है। जिससे वह लोग अपना व परिवार का चिह्नित सरकारी व निजी अस्पतालों में निश्शुल्क इलाज करा सकें। योजना के अंतर्गत जिले में 1.27 लाख गरीब परिवार चिन्हित किए गए हैं। इनमें से अभी तक केवल नौ लाभार्थियों को ही गोल्डन कार्ड मिल सके हैं। अस्पताल आने वाले लाभार्थियों की मदद के लिए सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की तैनाती किए जाने के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद अभी तक तैनाती न होने से इनके लिए बने बूथ पर ताले पड़े हैं।

अफसरों की खींचतान में फंसी तैनाती

जनपद के दो बड़े अधिकारियों की खींच तान में आयुष्मान मित्रों की तैनाती का पेंच फंसा गया है। लोहिया अस्पताल में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर को लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इसके बावजूद उसकी तैनाती नहीं की जा रही है। सीएमओ ने सरकारी अस्पतालों में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर को ही आयुष्मान मित्र की जिम्मेदारी सौंप दी थी। लोहिया अस्पताल में आपरेटर अरुण कुमार ने सिविल अस्पताल के लिए कुलजीत ¨सह, लोहिया महिला अस्पताल के लिए राजीव दीक्षित को मित्र का प्रशिक्षण दिया। इन लोगों की तैनाती भी फंस रह गई है। सीएमओ डा. अरुण कुमार उपाध्याय ने बताया कि नियुक्ति की फाइल सीडीओ को भेज दी गई है।

यह आयुष्मान मित्रों की जिम्मेदारी

आयुष्मान मित्र की जिम्मेदारी होगी कि अगर लाभार्थी अस्पताल पहुंचेगा तो मित्र उनके नाम को ऑन लाइन चेक करेगा। अगर उसका नाम लिस्ट में होगा तो उन्हें सिल्वर कार्ड जारी करेगा। इसके बाद सीएमओ कार्यालय से जांच के बाद उसे गोल्डन कार्ड दिया जाएगा। लाभार्थी व उसके परिवार के सदस्य को इलाज की जरूरत होगी तो मित्र उन्हें संबंधित डॉक्टर को दिखाएगा। अगर यहां पर इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होगी तो उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कराएगा। लाभार्थी का पांच लाख रुपये के बीमे से उसका निश्शुल्क इलाज किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.