भूमिगत केबल का निकलने लगा दम, रोजाना होता फाल्ट
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संवाद सहयोगी, तिर्वा : कस्बे में भूमिगत केबल का काम वर्ष 2014 में शुरू हुआ था और 2017 में पूर्ण हो सका था। कार्य सिर्फ एक वर्ष में पूर्ण होना तय था। राज कार्पोरेशन संस्था ने 28.82 करोड़ की स्वीकृत से काम शुरू कराया था। रीब 48 सौ घरों में कनेक्शन दे दिए गए थे। कनेक्शन का लक्ष्य बढ़ाया गया तो पांच करोड़ का बजट अतिरिक्त दिया गया। इससे 6,537 घरों में कनेक्शन दिए गए। संस्था ने दो वर्ष तक देखरेख की जिम्मेदारी निभाई। तीन वर्ष से ज्यादा समय बीता, तो केबल में फाल्ट आने शुरू हो गए। केबल का फाल्ट तलाश करने में कर्मचारियों को घंटों लग जाते हैं। केबल को ठीक करने तक चार से पांच घंटे लग जाते। तब तक पूरे नगर की लाइट गुल रहती है। इसकी हकीकत दो वर्ष में ही खुल गई। 440 वोल्ट की लाइन से लेकर 11 हजार वोल्टेज की लाइन में आए दिन फाल्ट होते हैं। फाल्ट ठीक करने के लिए केबल को बदलना पड़ता है। कई जगहों पर काम अधूरा, खुली पड़ी केबल
अन्नपूर्णा नगर, दुर्गानगर, शास्त्री नगर, आजाद नगर की करीब 16 गलियों में काम अधूरा पड़ा है। कहीं सर्विस पिलर खुले तो कहीं केबल खुली पड़ी है। इससे करंट का खतरा भी है। खैरनगर रोड व सर्राफा बाजार में तो भूमिगत केबल का काम ही नहीं कराया गया। भूमिगत केबल में फाल्ट तलाशने के लिए मशीनें नहीं है। इससे दिक्कतें होती है। संस्था ने काम में गुणवत्ता ठीक नहीं रखी। इससे दिक्कतें बनी हुई है।
सुधांशु श्रीवास्तव, एसडीओ विद्युत