पेड़ के नीचे चल रही झोलाछाप की दुकानें
संवाद सहयोगी, तिर्वा: स्वास्थ्य विभाग के रहमोकरम पर झोलाछाप की दुकानों बेखौफ होकर चल रह
संवाद सहयोगी, तिर्वा: स्वास्थ्य विभाग के रहमोकरम पर झोलाछाप की दुकानों बेखौफ होकर चल रही और मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा। ग्रामीणांचल में 470 से अधिक दुकानें झोलाछाप खोले हैं और शहरी इलाकों में भी गलियों में दुकानों को खोले हैं। लाल, पीली व नीली टेबलेट को देकर इलाज के नाम पर लूट मचाए हैं।
कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे तीन दुकानें झोलाछाप की खुली है और बेंच पर मरीजों को भर्ती किया जाता है। यह झोलाछाप दिल के दर्द से लेकर सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार का भी इलाज कर रहे। उनका नुक्सा दर्द में दर्द निवारक टेबलेट और बुखार में पैरासीटामोल दवा दे रहे। मरीज को तीन इंजेक्शन और एक ग्लूकोज की बोतल भी चढ़ा देते हैं। कई जगहों पर तो पेड़ की छाया में नर्सिंग होम चल रहे।
यहां चलती दुकानें
जवाहर नगर, कालिका नगर, ठठिया रोड, अन्नपूर्णा नगर, मनीपुरवा, धर्मपुर, डम्मरपुर, चंदियापुर, ठठिया, भुन्ना, सरसई, भड़हा, उमरन, कटरा बहसार, खैर नगर, उमर्दा, हरेईपुर, औसेर, सिमरिया, अगौस, इंदरगढ़, कचाटीपुर, बेलामऊ सरैया में दुकानें चल रहीं हैं।
सुविधा शुल्क का खेल
झोलाछाप के बेखौफ इरादे और धड़ल्ले से चल रही दुकानों को देख, मामला स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत का है। झोलाछापों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों को महीने या फिर हफ्ता भर में पांच हजार से 10 हजार तक नकदी देनी पड़ती है।
जिम्मेदार बोले
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जाएगा। ऐसे हालातों की सूचना मिलने पर झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। टीम की छापेमारी की जाती है और शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई होगी है।-डॉ. अवधेश कुमार, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक, तिर्वा।