Move to Jagran APP

बैनामा के बिचौलियों से होगी रिकवरी, नहीं तो एफआइआर

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण का मामला -तहसीलदार ने आरके कार्यालय से मांगा रिकार्ड

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 04:55 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 04:55 PM (IST)
बैनामा के बिचौलियों से होगी रिकवरी, नहीं तो एफआइआर
बैनामा के बिचौलियों से होगी रिकवरी, नहीं तो एफआइआर

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण का मामला

prime article banner

-तहसीलदार ने आरके कार्यालय से मांगा रिकार्ड, आठ की सूची तैयार

-प्रशासन के खरीदने से छह माह पूर्व बैनामा कराने वालों की जांच

संवाद सहयोगी, तिर्वा : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की जमीन खरीद मामले की जांच जोरों पर शुरू हो गई है। अब प्रशासन की खरीद से छह माह पूर्व जमीन को खरीदने वालों की जांच होगी। इसके लिए तहसीलदार ने आरके दफ्तर से बैनामा का रिकार्ड तलब किया है। आठ लोगों की सूची बनाई गई है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर वर्ष 2014 में तहसील प्रशासन ने किसानों से जमीन खरीदी थी। इसमें कुछ बिचौलियों से खेल कर दिया था। एक्सप्रेस-वे निर्माण की घोषणा होने पर किसानों से खुद ही सस्ते दामों में जमीन को खरीद लिया। इसके बाद जमीन को सरकारी दस्तावेज में व्यवसायिक दिखाकर जमीन का रेट चार गुना वसूल लिया। जबकि यह जमीन सर्किल रेट के चार गुना दाम पर ही खरीदी जानी थी। इस धांधली में ठठिया व सिकरोरी में दो-दो, अलीपुर अहाना, सतसार, बलनापुर, बस्ता में एक-एक किसान को चिह्नित किया गया है। तहसीलदार ने सभी के रिकार्ड रजिस्ट्रार कानून-गो कार्यालय से तलब किए हैं। राजस्व कर्मी ने सभी के बैनामा निकालने के बाद जांच शुरू कर दी है।

----------

प्रशासन की खरीद से छह माह पूर्व जिन-जिन लोगों ने किसानों से जमीनें खरीदी थीं, उनकी जांच की जा रही है। साथ ही जिन्होंने उस बीच खेती की जमीन को व्यवसायिक कराया था, उसकी भी जांच होगी। ऐसे लोगों से रिकवरी होगी और एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।

अनिल कुमार सरोज, तहसीलदार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.