यहां बिना अंतिम संस्कार कोई नहीं रहता कोई शव
संवाद सूत्र, तालग्राम: इस क्षेत्र में कोई भी लावारिस शव बिना अंतिम संस्कार नहंी रहता। गरीब परि
संवाद सूत्र, तालग्राम: इस क्षेत्र में कोई भी लावारिस शव बिना अंतिम संस्कार नहंी रहता। गरीब परिवार के लिए कफन से लेकर लकड़ी आदि का भी इंतजाम करने से गुरेज नहीं करते। वाहन न होने पर अपना ट्रैक्टर उपलब्ध करवाते और खुद गंगाजी के किनारे पहुंचकर अंतिम संस्कार में पूरी मदद करे।
यह शख्स तालग्राम के मोह तालाब कला निवासी शेर¨सह यादव हैं। इस कार्य को करने के बाद वह अपने मन को शांति मिलने की बात कहते हैं और पुण्य की खातिर इसको करना अपना धर्म समझते हैं। पहली बार वह वर्ष 1991 में कस्बे के एक लोगों की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में शामिल होने फर्रुखाबाद के श्रंगीरामपुर गये थे। परिजनों को अंतिम संस्कार करने में परेशानी हो रही थी। उन्होंने चिता को जलाने में सहयोग कर दिया। एक अलग ही शांति महसूस हुई। इसके बाद से आज तक कस्बा समेत आसपास के क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर वह उसके साथ गंगा घाट पर जाते हैं।
वाहन की करते मदद
वाहन न होने पर वह अंतिम संस्कार में जाने के लिए अपना ट्रैक्टर भी मुफ्त में भेजते हैं। गरीब के परिजनों को कफन व लकड़ी भी अपने पास से खरीद कर दे देते हैं। इसके अलावा अंतिम संस्कार के उपरांत लोगों को खाने के लिए लईया, चना तथा गुड़ का भी इंतजाम करवाते हैं।
समाज सेवा कर रहे परिजन
शेर ¨सह के बड़े भाई भारत ¨सह सेना में सूबेदार है। भाभी कुसमा यादव नगर पंचायत तालग्राम की चेयरमैन हैं। तीसरे भाई ब्रजेश ¨सह खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं। चौथे भाई दिनेश यादव पूर्व चेयरमैन हैं और इनकी पत्नी मिथलेश यादव जिला पंचायत सदस्य हैं।