सुविधाओं का सिर्फ नाम, असलियत में मासूमों की ¨जदगी से खिलवाड़
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले में हजारों बच्चों की ¨जदगी दांव पर लगी है। सुविधाओं के नाम
जागरण संवाददाता, कन्नौज :
जिले में हजारों बच्चों की ¨जदगी दांव पर लगी है। सुविधाओं के नाम पर मासूमों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। स्कूल वाहन की जगह डग्गामार या फिर कामर्शियल वैन से बच्चों को ढोया जा रहा है। आपके जिगर के टुकड़े प्रतिदिन खतरनाक वाहनों पर घर से स्कूल व स्कूल से घर बच्चे सफर कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों में लगे अधिकांश वाहन अपंजीकृत हैं। इनके कोई मानक भी नहीं हैं। यह वाहन अवैध रूप से लगी एलपीजी किट (घरेलू सिलिंडरों) से दौड़ाए जा रहे हैं। इससे जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं। हादसे के बाद भी सबक नहीं लिया जाता है न ही कार्रवाई की जाती है। बाजार में खुले आम गैस रिफ¨लग की जाती है। यहां भी हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। कई प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर स्कूल प्रबंधक, डीआइओएस व बीएसए को फटकार लगाई लेकिन नतीजा शून्य है। जरूरी है यह मानक
-स्कूली वाहन का रंग पीला होना चाहिए।
-वाहन के आगे-पीछे स्कूल बस के साथ स्कूल का नाम और फोन नंबर हो।
-प्राथमिक उपचार की किट व अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य।
-बस व मिनी बसों को ही परमिट।
-वेंचर और कामर्शियल वैन को स्कूल की अनुमति पर परमिट।
-वाहनों के शीशे में जाल जरूरी है।
-चालक अनुभवी हो और नशा न करता हो।
-स्कूल से लिखा स्वीकृत पत्र।
-टैक्स व फीस पेड वाहन। पंजीकृत स्कूल वाहन संख्या
मिनी व बड़ी बस-164
वेंचर-10
मैक्सिमो 24
मैजिक 69
वैन शून्य
एलपीजी किट वाहन शून्य
एलपीजी सेंटर शून्य शिक्षा के नाम पर व्यापार
अधिकांश स्कूल शिक्षा के नाम पर व्यापार कर रहे हैं। बच्चों को घर से लाने-ले जाने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक जिले भर में 1,200 निजी विद्यालय संचालित हैं। सभी ने अपने निजी वाहन लगा रखें हैं। एक से दो हजार रुपए तक प्रतिमाह फीस के साथ शुल्क लिया जाता है। बच्चे भी ठूंस-ठूंस कर भरे जाते हैं। गाड़ियों के खिड़की-दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। कई वाहनों की सालों फिटनेस नहीं कराई जाती है।
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अभियान चलाकर मानक विरुद्ध वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। गुरुवार को कई वाहनों पर कार्रवाई की गई है। वाहन विपरीत वाहन सीज किए जाएंगे। लापरवाह चालकों पर कार्रवाई की जाएगी।-संजय झा, एआरटीओ।