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डिंपल-सुब्रत पर भारी पड़ा कार्यकर्ताओं का उत्साह, मिली नोटिस

रविवार को शहर के मोहल्ला काजीटोला में बाबा साहब की जयंती पर जुलूस निकाला गया जिसमें एक राजनीतिक दल के लोगों ने शामिल होकर नारेबाजी की और अपनी पार्टी के पक्ष में वोट मांगे। सदर एसडीएम शैलेश कुमार ने मामले को संज्ञान लिया और सदर कोतवाली में आयोजक अजयपाल दोहरे पुत्र राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। साथ ही प्रत्याशियों को नोटिस जारी किए गए हैं। एसडीएम ने बताया कि आयोजक को जुलूस की सशर्त अनुमति दी गई थी जिसमें कार्यक्रम को पूरी तरह अराजनैतिक रखने के बारे में निर्देश दिए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 11:32 PM (IST)
डिंपल-सुब्रत पर भारी पड़ा कार्यकर्ताओं का उत्साह, मिली नोटिस
डिंपल-सुब्रत पर भारी पड़ा कार्यकर्ताओं का उत्साह, मिली नोटिस

जागरण संवाददाता, कन्नौज: अति उत्साह में की गई नारेबाजी और झंडे-टोपी के साथ आंबेडकर जयंती में पहुंचे सपा-भाजपा कार्यकर्ता अपने ही प्रत्याशियों के लिए ही परेशानी का सबब बन गए। इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी और सांसद डिंपल यादव एवं भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक को नोटिस जारी किया गया है। वहीं सशर्त अनुमति के बाद भी कार्यक्रम के राजनीतिक होने पर आयोजक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसडीएम सदर का कहना है कि जुलूस का खर्च प्रत्याशियों के खाते में जोड़ा जाएगा।

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रविवार को शहर के मोहल्ला काजीटोला में बाबा साहब की जयंती पर जुलूस निकाला गया। जुलूस में सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी डिंपल यादव के समर्थन में सपा कार्यकर्ता और भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुए। एक तरफ सपा कार्यकर्ताओं ने अपने प्रत्याशी के पक्ष में नारेबाजी की को दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं ने। सदर एसडीएम शैलेश कुमार ने मामले का संज्ञान लिया। उनके निर्देश पर दारोगा महावीर सिंह की तहरीर पर आयोजक अजयपाल दोहरे पुत्र राजकुमार के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसडीएम के अनुसार, जुलूस को गैर राजनीतिक रखने और आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन करने की सशर्त अनुमति दी गई थी। आयोजक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर को नोटिस भेज दी गई है। वहीं मामले में आयोजक अजयपाल दोहरे का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं है। सामाजिक कार्यक्रम में दलों के कार्यकर्ता आ गए तो उन्हें कौन रोक सकता था। वैसे भी प्रशासन को मौखिक जानकारी दी गई थी कि हर साल होने वाले इस सामाजिक कार्यक्रम में विभिन्न दलों के लोग शामिल होते रहे हैं।


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