कोतवाली में शिक्षक ने लगाई फांसी, हंगामा
सूचना पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस उन्हें कोतवाली लेकर गई थी। शिक्षक की मौत पर स्वजन भड़क गए। मेडिकल कॉलेज में हंगामा किया। डीएम व एसपी से हाथापाई की कोशिश की। इस पर पुलिस ने दोनों अफसरों को इमरजेंसी रूम में बंद कर दिया। जालौन के सदर कोतवाली क्षेत्र के गिदौसा गां
संवाद सहयोगी, तिर्वा (कन्नौज) : हिरासत में लिए गए सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कोतवाली के शौचालय में फांसी लगाकर जान दे दी। शिक्षक अपनी पत्नी को घर ले जाने के लिए ससुराल आया था। जहां शराब पीकर हंगामा मचाने पर ससुराल वालों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। उसकी मौत के बाद स्वजन और ग्रामीणों ने हंगामा किया। आठ घंटे सड़क जाम रखी। मेडिकल कॉलेज में डीएम व एसपी के साथ हाथापाई की कोशिश की गई। पत्नी ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाने की पुष्टि हुई है। शरीर पर मृत्यु पूर्व किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं मिले हैं।
जालौन में सदर कोतवाली क्षेत्र के गिदौसा गांव निवासी पर्वत सिंह औरैया के अछल्दा सेमपुर प्राथमिक स्कूल में शिक्षक थे। तिर्वा के गांव सुक्खापुर्वा में उनकी ससुराल है। होली से पहले पर्वत की पत्नी नीरज देवी मायके आ गई थीं। 17 मार्च को पर्वत सिंह पत्नी को लेने के लिए आए मगर, नीरज ससुराल नहीं गई। 19 मार्च की रात पर्वत सिंह फिर ससुराल पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने शराब पीकर हंगामा शुरू कर दिया। रात करीब 11.39 मिनट पर साले प्रगति ने यूपी 112 पर कॉल कर पुलिस बुला ली। पीआरवी पर्वत को पकड़कर ले गई और 12.40 मिनट पर कोतवाली पुलिस के सिपुर्द कर दिया। रात में ही प्रगति ने शिक्षक के खिलाफ तहरीर पुलिस को दी। पुलिस ने उन्हें हवालात में न बंद कर बरामदे में बैठा दिया। सुबह करीब 4.50 बजे पर्वत शौच करने की बात कह बताकर हवालात के पास शौचालय में गए। वहां पर पोछे के लिए रखे कपड़े का फंदा फांसी लगा ली। 20 मिनट तक बाहर न आने पर पुलिस ने दरवाजा खोला तो शिक्षक फंदे से लटक रहा था। सिपाही सुधीर सिंह ने अफसरों को जानकारी दी और करीब साढ़े पांच बजे मेडिकल कॉलेज में पर्वत को ले जाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुबह करीब सात बजे जानकारी पाकर पत्नी नीरज देवी स्वजन के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंची। हंगामा कर कन्नौज-तिर्वा रोड पर जाम लगा दिया। डीएम राकेश कुमार मिश्र व एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। ग्रामीणों ने उनसे हाथापाई की कोशिश की। पुलिस ने दोनों अफसरों को इमरजेंसी के अंदर बंद कर दिया। ग्रामीणों ने इमरजेंसी के डॉक्टर कक्ष का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने ग्रामीणों को इमरजेंसी से बाहर खदेड़ दिया। ग्रामीण करीब आठ घंटे तक जाम लगाए रहे। डीएम ने पैनल से पोस्टमार्टम व मजिस्ट्रेटी जांच कराने के निर्देश दिए। एसपी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होगी।