तालाबों में कूड़ा, नगर पंचायत चुप
संवाद सहयोगी, तिर्वा : सरकार करोड़ों का बजट तालाबों की खोदाई करा पानी भरने के लिए दे र
संवाद सहयोगी, तिर्वा : सरकार करोड़ों का बजट तालाबों की खोदाई करा पानी भरने के लिए दे रही है लेकिन नगर पंचायत चुप है। उलटे यहां प्राचीन व ऐतिहासिक समेत अन्य तालाबों के आसपास कूड़ा फेंकने से हालात बिगड़ रहे हैं।
प्राचीन व ऐतिहासिक रग्घू तालाब का अस्तित्व कूड़ा-कचरा व अवैध कब्जों के कारण खत्म हो रहा है। कस्बे के दुर्गानगर वार्ड में कोतवाली के सामने स्थित तालाब पर कब्जे के लिए लोग प्रयास कर रहे हैं। नगर पंचायत भी इसमें मददगार बन गई है। तालाब के आसपास कूड़ा डालने से धीरे-धीरे अस्तित्व खत्म हो रहा है। धीरे-धीरे तालाब के किनारे चारों ओर से मकानों का निर्माण होता जा रहा है।
इन गांव के लोगों को दिक्कत
तालाब के किनारे स्थित रोड से धर्मपुर, डम्मरपुर, नौरंगपुर नगरिया, सुजान सराय, पाला, सौंसरी, गोपालपुर, बाहिदपुर, सीहपुर, भूड़पुर्वा, छोछापुर, सतौरा, गोवा, सकरानी, अलीनगर,पचोर, मतौली, ब्राह्मणपुर्वा समेत गुरसहायगंज व फर्रुखाबाद जाने वाले लोग निकलते हैं। कूड़े की बदबू से यह परेशान होते हैं।
इससे संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ा है। तालाब का सुंदरीकरण न होने से पिछले दिनों इसमें गिरकर तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है।
सरकारी आंकड़ों में तालाब
सरकारी अभिलेखों में रग्घू तालाब तीन भाग में बंटा है लेकिन इस वक्त तीनों एक हो गए हैं। गाटा संख्या 656 में 2.829 हेक्टेयर, 657 में 0.130 हेक्टेयर, 658 में 0.898 हेक्टेयर दर्ज है। इनमें 50 फीसद जगह पर कब्जे हो गए हैं। इसी तरह क्षेत्र के दर्जनों गांवों में तालाब भी खस्ताहाल हैं।
बोले जिम्मेदार,
मामले की जांच कराई जाएगी। तालाब का भराव नहीं होने दिया जाएगा। लापरवाही मिलने पर नगर पंचायत प्रशासन पर कार्रवाई होगी। सर्वोच्च न्यायालय व सरकार भी तालाबों के बचाव की मुहिम चला रही है।
-शालिनी प्रभाकर, उपजिलाधिकारी।