सिथेटिक कलर से हो सकता त्वचा का कैंसर
जागरण संवाददाता कन्नौज होली में बाजार में बिकने वाले केमिकलयुक्त रंग आपकी त्वचा का नुकसा
जागरण संवाददाता, कन्नौज: होली में बाजार में बिकने वाले केमिकलयुक्त रंग आपकी त्वचा का नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर मुंह में लगाने वाला सफेदा सबसे घातक होता है, इससे त्वचा का कैंसर हो सकता है। होली पर केमिकल और सिथेटिक रंगों से परहेज करना चाहिए और हर्बल व सूखे रंगों से होली खेलें, जिससे त्वचा सुरक्षित रहेगी।
बाजार में इस समय रंगों की कई दुकाने सजीं हैं, जिसमें सबसे सभी तरह के रंग बिक रहे हैं। सबसे अधिक बिक्री केमिकल रंगों की हो रही है। दुकानदार विवेक ने बताया कि बच्चे जहां केमिकल रंगों की मांग कर रहे हैं, वहीं युवा और बुजुर्ग हर्बल रंगों की मांग कर रहे हैं। हालांकि अबीर और गुलाल भी बिक रहे हैं। वहीं बाजार में खुलेआम कचरी, पापड़ और चिप्स भी बिक रहे हैं। खुले में रखे होने के कारण इन पर धूल छा जाती है। इन्हें बनाने में भी कई तरह के हानिकारक केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। डॉ. सतेंद्र कुमार साहू ने बताया कि इस तरह की नमकीन खाने से पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। हर्बल रंगों ने नहीं कोई नुकसान
जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश कुमार यादव ने बताया कि हर्बल रंगों से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। जबकि केमिकल रंगों से शरीर में कई तरह के रोग हो जाते हैं और त्वचा को भी नुकसान होता है। हर्बल तरीके से बने रंगों से होली खेलकर स्वयं और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। रंग और उसके दुष्प्रभाव
रंग केमिकल दुष्प्रभाव
काला लेड आक्साइड मानसिक अपंगता
हरा कॉपर सल्फेट त्वचा में एलर्जी
बैंगनी क्रोमियम अस्थमा, एलर्जी
लाल मरकरी(पारा) त्वचा का कैंसर
नीला कोबाल्ट नाइट्रेट अस्थमा कैंसर
सफेदा सिल्वर नाइट्रेट सोराइसिस, कैंसर
पीला अमोनियम अस्थमा, कैंसर