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दूसरी किस्त मिली, तैयार होगी पक्की छत

जागरण संवाददाता कन्नौज प्रधानमंत्री आवास लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर है। लाभार्थियों के खातों

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 05:38 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 05:38 PM (IST)
दूसरी किस्त मिली, तैयार होगी पक्की छत
दूसरी किस्त मिली, तैयार होगी पक्की छत

जागरण संवाददाता, कन्नौज: प्रधानमंत्री आवास लाभार्थियों के लिए अच्छी खबर है। लाभार्थियों के खातों में दूसरी किस्त भेज दी गई है। इससे काफी समय से लटके आवासों की पक्की छत जल्द पड़ेगी। इसके अलावा कुछ लाभार्थियों को तीसरी किस्त भी मिली है। इससे आवास निर्माण को अंतिम रूप देकर गृह प्रवेश भी जल्द कर सकेंगे। पहली किस्त मिलने के बाद आगे की धनराशि पंचायत चुनाव के कारण फंस गई थी, जिसका भुगतान सीधे खातों में किया गया है। जिले में 5,473 लाभार्थियों को आवास प्लस योजना के तहत आवास मिले थे। इतने लाभार्थियों को जनवरी व फरवरी में पहली किस्त मिली थी। इससे सिर्फ नींव व दीवार ही खड़ी हो पाई थी। अब 4,430 को दूसरी किस्त 70-70 हजार रुपये की व 537 लाभार्थियों को आखिरी किस्त दस-दस हजार रुपये मिले हैं, शेष लाभार्थियों के खातों में जल्द भुगतान होगा।

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जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि जल्द निर्माण कराएं। जीओ टैगिग के आधार पर आगे की धनराशि दी जाएगी। दूसरी किस्त से पड़ता है लिटर प्रधानमंत्री आवास में तीन किस्तों में 1.20 लाख रुपये कुल मिलते हैं। पहली किस्त 40 हजार रुपये मिलते हैं। इससे नींव व दीवार बनती है। पहली किस्त का इस्तेमाल होने पर ही दूसरी किस्त 70 हजार रुपये जांच के बाद दिए जाते हैं, जो लिटर व अन्य निर्माण के लिए होते हैं। आखिरी किस्त दस हजार रुपये प्लास्टर, रंगरोगन (फिनिसिग) के लिए दिए जाते हैं। कराएं जीओ टैंगिग तभी मिलेगी किस्त आवास की दूसरी किस्त पहली किस्त के रुपये इस्तेमाल करने के बाद सत्यापन के आधार पर मिलती है। निर्माण की फोटो खींचकर जीओ टैगिग यानी आनलाइन अपलोड होती है। इसी तरह तीसरी किस्त जारी होती है। जितनी जल्द निर्माण में धनराशि का उपयोग करेंगे उतनी जल्द आगे की धनराशि मिलती है। देरी करने पर ही धनराशि व आवास निर्माण लंबित रहता है। इसी कारण कई लाभार्थी रह जाते हैं। लाभार्थी खुद कराते निर्माण आवास लाभार्थी सभी मनरेगा जाबकार्ड धारक हैं। लाभार्थी को खुद ही 90 दिन तक मनरेगा के तहत आवास का निर्माण करना होता है। निर्माण की एवज में मनरेगा से 204 रुपये के हिसाब से प्रतिदिन मजदूरी मिलती है।


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