वन स्टाप सेंटर मैनेजर का इस्तीफा, तीन पद खाली
अनदेखी - ठेके पर व्यवस्था होने से बंदी की कगार पर केंद्र - नहीं आते महिला उत्पीड़न के
अनदेखी
- ठेके पर व्यवस्था होने से बंदी की कगार पर केंद्र
- नहीं आते महिला उत्पीड़न के मामले, लापरवाही
जागरण संवाददाता, कन्नौज : अनदेखी में बदहाल हो चुका वन स्टाप सेंटर बंदी की कगार पर खड़ा है। अब सेंटर मैनेजर ने इस्तीफा दे दिया है। इससे संचालन और प्रभावित हो गया है, जबकि दो पद एक साल से खाली हैं, जिनमें प्रोबेशन विभाग तैनाती नहीं कर पाया है।
नगर के विनोद दीक्षित अस्पताल परिसर में तीन करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया वन स्टाप सेंटर मकसद पर खरा नहीं उतर रहा है। वन स्टाप सेटर बनाने का मकसद उत्पीड़न का शिकार महिलाओं व बालिकाओं की मदद किया जाना है। यह केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है, जो सेवाप्रदाता के हाथ में जाने से अनदेखी का शिकार है। पिछले वर्ष अक्टूबर में सेंटर मैनेजर पद पर स्वेच्छा सेठी की तैनाती हुई थी, जबकि काउंसलर व केस वर्कर की भर्ती नहीं हो पाई थी, न ही एक साल में की गई। इधर, सेंटर मैनेजर पद से स्वेच्छा सेठी ने इस्तीफा दे दिया है। तब से बिना काउंसलर व केस वर्कर के सेंटर चल रहा है, जबकि इनके बगैर काउंसिलिंग नहीं होती है। इसलिए उत्पीड़न के मामले भी नहीं आते हैं। प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी छोटेलाल ने बताया कि जल्द तीनों पदों पर भर्ती करेंगे।