कन्नौज को मौका, औषधीय गुण वाला पानी बेचेगा रेलवे
रेल यात्रियों को तमाम औषधीय गुणों से भरपूर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) कन्नौज ने प्रीमियम रेल अरोमा नीर हर्बल मिश्रण तैयार किया है।
कन्नौज [शिवा अवस्थी]। यात्रियों को मिलने वाली सुविधा में रेलवे निरंतर सुधार के प्रयास में लगा है। अब इसी क्रम में रेल यात्रियों को तमाम औषधीय गुणों से भरपूर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) कन्नौज ने प्रीमियम रेल अरोमा नीर हर्बल मिश्रण तैयार किया है। तुलसी, खस तथा मेंथा (पुदीना) के तत्वों वाले मिश्रण की पहली खेप ट्रायल के लिए भारतीय रेल की केटरिंग इकाई आइआरसीटीसी, दिल्ली से आए सीनियर सुपरवाइजर भानु प्रताप व पंकज अग्रवाल दो दिन पूर्व ले गए हैं।
पहले हर्बल पानी रेल, वाणिज्य समेत अन्य मंत्रालयों के अफसरों के बीच इस्तेमाल होगा। इनसे फीडबैक में संतुष्टि मिलने पर देश के 7000 से अधिक रेलवे स्टेशनों व 1000 से ज्यादा ट्रेनों में इस पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह की पहल और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से बातचीत में सहमति बनने के बाद यह कदम उठाया गया है।
दो से दस फीसद मात्रा
केंद्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रीमियम रेल अरोमा नीर तैयार करने में प्रति लीटर में दो से दस फीसद तुलसी, खस व मेंथा की मात्रा रहेगी। इसके औषधीय गुण व्यक्ति को आंतरिक ऊर्जा, बीमारियों से लडऩे की क्षमता के साथ ताजगी देंगे। कीमत अभी तय नहीं हुई है पर वर्तमान रेल नीर से मामूली अंतर संभव है।
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दो माह में किया तैयार
केंद्र के सहायक निदेशक एपी ङ्क्षसह सेंगर ने बताया कि मिश्रण तैयार करने में दो माह का वक्त लगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज ङ्क्षसह के निर्देश पर तैयार हुए मिश्रण की मांग बढऩे पर किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। आइआरसीटीसी अफसरों को पहली खेप में 170 लीटर मिश्रण दिया गया है।
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ये होंगे फायदे
- देश में तुलसी, खस व मेंथा उत्पादक किसानों को मिलेगा बाजार।
- बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वालों को घर बैठे खरीद की सुविधा।
- बिचौलियों से किसान बचेंगे, एमएसएमई व रेल मंत्रालय खरीदेगा।
- विदेश की तर्ज पर हर्बल व शुद्ध पेयजल लोगों को उपलब्ध होगा।
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किसानों को लाभ होगा
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने बताया कि तुलसी, खस व मेंथा के मिश्रण का इस्तेमाल रेल नीर में करने पर सहमति बनी है। इससे औषधीय पौधों की खेती करने वाले लाखों किसानों को फायदा होगा और उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी।
पहली खेप भेजी गई
प्रधान निदेशक, एफएफडीसी कन्नौज, शक्ति विनय शुक्ल ने कहा कि केंद्र में लगे प्लांट में मिश्रण तैयार कर पहली खेप भेजी जा चुकी है। इसके पहले ट्रायल के बाद आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। यह बड़ा कदम साबित होगा।