प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को कैदी पी रहे काढ़ा, कर रहे योग
यह तय है कि योग से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पॉवर) बढ़ती है। जिला कारागार में भी इसी युक्ति को आजमाकर कैदियों को प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है और आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग किया जा रहा है जिसके तहत कैदियों को
राजीव कटियार, जलालाबाद:
यह तय है कि योग से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पॉवर) बढ़ती है। जिला कारागार में भी इसी युक्ति को आजमाकर कैदियों को प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है और आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके तहत कैदियों को जड़ी-बूटियों से निर्मित काढ़ा पिलाया जा रहा है।
जिला कारागार अनौगी में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कारगर अभिनव प्रयोग किए गए जा रहे हैं। जेल प्रशासन ने कैदियों को जहां शारीरिक दूरी का पाठ पढ़ाया तो कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से योग भी सिखाया। लॉकडाउन के दौरान यह प्रक्रिया अनवरत रूप से चली आ रही है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काढ़ा भी पिलाया जा रहा है। यह काढ़ा बंदी स्वयं बनाते हैं, जिसमें तुलसी, सौंफ, अदरक, आजवाइन, काला नमक और गिलोय को भी डाला जाता है। वहीं, विचाराधीन बंदी दीपक व लालाराम नित्यप्रति सुबह सात बजे से आठ बजे तक योग कराते हैं, जिसमें योगासन, प्राणायाम शामिल हैं। जिला कारागार में 713 लोग निरुद्ध हैं, जिसमें 678 पुरुष, 31 महिलाएं व चार बच्चे शामिल हैं। इन सभी लोगों को योग सिखाया जा रहा है तो नियमित रूप से काढ़ा दिया जा रहा है। काढ़ा बनाकर गिलास में दिया जाता है, इसके लिए सभी बंदियों के पास उनके गिलास हैं। कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए इस तरह का अभिनव प्रयोग हो रहा है, जिससे कई कैदियों को लाभ भी मिल रहा है। जेलर एसके यादव का कहना है कि पूर्व में कैदियों को योग का प्रशिक्षण दिया गया था। अब उनमें से एक कैदी सभी को योग सिखा रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन सुबह सभी को काढ़ा दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।