पीएम नरेंद्र मोदी ने कन्नौज के ग्रामीणों से कहा- हमने भी दिए की रोशनी में की है पढ़ाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एनआइसी सेंटर में आज कन्नौज की बिटोली देवी ने बात की। बिटोली ने बताया की 2016 में उसे बिजली कनेक्शन मिला। इससे पहले बच्चे पढाई नहीं कर पाते थे।
कन्नौज (जेएनएन)। इत्रनगरी कन्नौज में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सौभाग्य योजना की खूब प्रंशसा हुई। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने आज उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड के साथ उत्तर प्रदेश कन्नौज जिले के तालग्राम के बिरौली के ग्रामीणों से सीधा संवाद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एनआइसी सेंटर में आज कन्नौज की बिटोली देवी ने बात की। बिटोली ने बताया की 2016 में उसे बिजली कनेक्शन मिला। इससे पहले बच्चे पढाई नहीं कर पाते थे। यहां पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता था। हमको भी दिन डूबने से पहले खाना बनाना पड़ता था। सांप-बिच्छू घर पर निकलते थे। इसलिए डर लगता था। बिजली आने से सभी समस्या दूर हो गई। बिजली विभाग की तरफ से घर-घर मुफ्त कनेक्शन देकर उजाला किया है। इस पर प्रधानमंत्री को अपना बचपन याद आ गया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने भी मिट्टी के तेल के दिए से पढ़ाई की है। मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता था। संवाद के दौरान 21 ग्रामीण मौजूद रहे। डीएम रविंद्र कुमार, एमडी आगरा एसके वर्मा समेत आगरा मंडल के अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फेंस के जरिए पूरे देश में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना) के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इसी क्रम में कन्नौज के ग्रामीणों को भी उनसे बात करने का मौका मिला। एक ग्रामीण विद्युतीकरण लाभार्थी से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देखिए, बिजली के आते ही मैं भी आपके गांव में आ गया। उन्होंने बताया कि 2005 में सरकार ने वादा किया था कि वो 2009 तक हर गांव में बिजली पहुंचा देंगे। तब सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष ने एक कदम आगे बढ़कर कहा था कि वह हर घर तक बिजली पहुंचाएंगे। बड़े दुख की बात है कि उनके शासनकाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पीएम मोदी ने कहा कि हम जनता से किए गए वादों को गंभीरता से लेते हैं। हमारी प्राथमिकता पूर्वी भारत के गांवों के विकास पर है। एक समय 18000 गांवों में से 14500 में बिजली नहीं थी, लेकिन हमने इन आंकड़ों को बदला है। हमारा मानना है कि भारत की विकास यात्रा में पूर्वोत्तर के राज्य अहम भूमिका निभा सकते हैं।