सातवें आसमान पर महकेगी इत्र नगरी की सुगंध
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले का डेढ़ सौ साल पुराना इत्र कारोबार अब ऊंची उड़ान तय कर सकेगा।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले का डेढ़ सौ साल पुराना इत्र कारोबार अब ऊंची उड़ान तय कर सकेगा। ऐसा संभव हो सकेगा 'एक जिला एक उत्पाद' योजना से। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां की सुगंध को देश-विदेश तक फैलाने के लिए योजना का दायरा बढ़ाया है। अब इत्र उद्योग लगाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक ऋण अनुदान के तौर पर मिलेगा। प्रदेश सरकार की ओर से 28 सितंबर को 'वित्त पोषण सहायता योजना' संचालित की गई है। इसके तहत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। इससे छोटी से बड़ी इकाइयां लगाने में मदद मिलेगी।
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डेढ़ करोड़ से ऊपर तक स्वीकृत होंगे प्रोजेक्ट
'एक जिला एक उत्पाद' योजना में जिले का प्राचीन इत्र उद्योग भी शामिल है। इसके पहले प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 25 लाख रुपये तक ऋण का प्रावधान था। इसमें प्रधानमंत्री योजना के तहत 15 से 35 फीसद व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 25 फीसद मार्जिन मनी देय थी। अब वित्त पोषण सहायता योजना के तहत डेढ़ करोड़ से ऊपर तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाएंगे।
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पात्रता की शर्ते
- आवेदक की आयु 18 वर्ष
- शौक्षिक योग्यता में कोई बाध्यता नहीं
- सहायता चिह्नित उत्पाद को ही मिलेगी
- किसी स्वरोजगार योजना में लाभ न मिला हो
- शपथ पत्र पर हवाला देना होगा
- सामान्य को छोड़ अन्य को प्रमाणपत्र देने जरूरी
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वर्ष 2018-19 का लक्ष्य
भौतिक लक्ष्य : 40 लोगों का चयन करना
मार्जिन मनी उत्पादन वित्तीय लक्ष्य : 280 लाख ऐसे चलेगी प्रक्रिया, होगा प्रशिक्षण
जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र में आवेदन जमा होंगे। टास्क फोर्स कमेटी माह में एक बार साक्षात्कार लेगी। लाभार्थी के चयन के बाद सात दिन के अंदर ऋण आवेदन बैंक जाएगा। शाखा प्रबंधक एक माह में ऋण स्वीकृत या अस्वीकृत करने पर निर्णय लेंगे। नए लाभार्थियों को सरकारी संस्थानों पर एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये टास्क फोर्स करेगी चयन
अध्यक्ष : डीएम व उनकी तरफ से नामित सीडीओ
सदस्य : जिला अग्रणी प्रबंधक, वित्त पोषण करने वाले प्रमुख बैंकों के जिला समन्वयक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि, जिले के चयनित उत्पाद से संबंधित विभागीय अधिकारी
सदस्य सचिव व संयोजक : उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग व उद्यम प्रोत्साहन केंद्र
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योजना का दायरा बढ़ने से इत्र उद्योग में पंख लगेंगे। डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर तक की इकाइयां स्थापित की जा सकती हैं।-बीपी वाजपेयी, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र