ग्रंथों के श्रवण से मिलेगी शांति
वान शिव ने जगतगुरु आदि शंकराचार्य के रूप में अवतार लिया। इसलिए भारत की चार दिशाओं में चार पीठों की स्थापना की गई। पहले यह मठ काशी में था लेकिन मुगलों के हमलों की वजह से मठ के पूर्व गुरु श्रीशांताश्रम महास्वामी जी महाराज करीब 500 साल पहले दक्षिण भारत के हिदू साम्राज्य विजयनगर (कर्नाटक) ले आए और यहां स्थापना की। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में रहने वाले सारे वैश्य व हिदू समाज की साधना के लिए फिर से कुलगुरू पीठ स्थापित होना चाहिए। इसके लि
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: देश में शांति के लिए धार्मिक व आध्यात्मिक ग्रंथों का वाचन होना चाहिए। सदग्रंथों के सुनने व साधना करने से व्यक्ति को शांति की प्राप्ति होती है। जीवन में सुखी रहने के लिए सामाजिक एकता व समरसता आवश्यक है।
गुरुवार को यह विचार काशी से दिल्ली जा रहे वैश्य कुलगुरु श्रीश्री वामनाश्रम महास्वामीजी महाराज ने एक गेस्ट हाउस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के बीच व्यक्त किए। बताया कि काशी के गायघाट लालासर गली में वैश्य कुलगुरू पीठ का शीघ्र जीर्णोद्वार कराया जाएगा। उन्होंने वैश्य कुलगुरू मठ हल्दीपुर (कर्नाटक) का इतिहास बताया। कहा कि कलयुग में भगवान शिव ने जगतगुरु आदि शंकराचार्य के रूप में अवतार लिया। इसलिए भारत की चार दिशाओं में चार पीठों की स्थापना की गई। पहले यह मठ काशी में था, लेकिन मुगलों के हमलों की वजह से मठ के पूर्व गुरु श्रीशांताश्रम महास्वामी जी महाराज करीब 500 साल पहले दक्षिण भारत के हिदू साम्राज्य विजयनगर (कर्नाटक) ले आए और यहां स्थापना की। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में रहने वाले सारे वैश्य व हिदू समाज की साधना के लिए फिर से कुलगुरू पीठ स्थापित होना चाहिए। इसके लिए काशी तीर्थ स्थल का चयन किया गया है। 21 जून को दिल्ली में वैश्य समाज की कुल देवी के मंदिर में कवच अर्पित किया जाएगा। इसके बाद चातुर्मास कार्यक्रम गोवा के मडगांव के विरना स्थित देवी मंदिर में होगा। इस अवसर पर भाजपा नगर अध्यक्ष आनंद गुप्ता, रमाशंकर गुप्ता, मयंक गुप्ता, भाजयुमो के जिला मंत्री अमित गुप्ता, गल्ला आलू व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनुज गुप्ता जानी, वरुण गुप्ता, पूर्व सभासद करुणाशंकर गुप्ता, उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता आदि मौजूद रहे।